फैजान खान
आगरा। उत्तर प्रदेश से जिला आगरा के युवा शायर संजीव चौहान शारिक़ ने एटा काव्य महोत्सव में अपने काव्य पाठ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी रचनाओं में समाज में फैली नफरतों और हिंसा को खत्म करने का संदेश था।
4/11/23 को एटा साहित्यिक मंच द्वारा एटा काव्य महोत्सव में अंतरराष्ट्रीय कवि समागम का आयोजन हुआ। इस समागम में देश के विभिन्न राज्यों से आए कवि एवं शायरों ने हिस्सा लिया। आगरा से गए युवा शायर संजीव चौहान शारिक़ ने भी इस समागम में भाग लिया।
शारिक़ ने अपने काव्य पाठ में समाज में फैली नफरतों और हिंसा पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि इन नफरतों और हिंसा से देश का कोई भला नहीं होने वाला है। बल्कि, इससे देश को नुकसान ही होगा।
उन्होंने अपने शायराना अंदाज में कुछ इस तरह कहा कि हमें हर गुल को चमन के काम आने देना चाहिए। हमें एक दूसरे से मोहब्बत और भाईचारे से रहना चाहिए। हमें सड़कों पर लड़ाई-झगड़े नहीं करने चाहिए आपस में प्यार और मोहब्बत बांटना चाहिए।
शारिक़ की रचनाओं ने श्रोताओं को बहुत प्रभावित किया। उनके काव्य पाठ के बाद श्रोताओं ने उन्हें तालियों की गड़गड़ाहट से सम्मानित किया लगातार एक के बाद एक वहा कही सम्मेलन में हिस्सा लेते आए है और आगरा का नाम अलग अलग शहर में रोशन कर रहे है।
इन कवियों ने भी अपनी कविताओं से लोगो के दिल जीते
आयोजन समिति में महेश मंजुल, कृष्णा मुरारी, फ़रीद अल्वी, मानव राणा सुओम, प्रवल प्रताप सिंह, हिरेन्द्र नरवार, आचार्य निर्मल, इच्छा पोरवाल, मंजू शर्मा आदि कवियों ने भी काव्य पाठ किया।
शारिक़ की कुछ रचनाए यह है
> सलामत रक्खो हर गुल को चमन के काम आएगा,
>मुहब्बत भाई चारा ही अमन के काम आएगा,
> बहाओ ना यूं सड़कों पै लड़कर के आपस मैं,
> लहू का एक कतरा भी वतन के काम आएगा,
> मंदिर और मस्जिद के ठेकेदार भी चुप है,
> नफरतों की काली स्याई,
> नही अच्छी नही होती ये फितरत छोड़ दो साहिब,
> सलामत रखो हर गुल को चमन काम आएगा,
इस रचना में शारिक़ ने समाज में फैली नफरतों और हिंसा को खत्म करने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि हमें एक दूसरे से प्यार और भाईचारे से रहना चाहिए। हमें सड़कों पर लड़ाई-झगड़े नहीं करने चाहिए।
शारिक़ की रचनाएं समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश हैं। इन रचनाओं से लोगों को यह सीख मिलती है कि हमें एक दूसरे से प्यार और भाईचारे से रहना चाहिए।