आगरा: मरकर भी अंधेरे में जी रही दो जिंदगियां को रोशनी दे गया; नेत्रदान से दो जिंदगियां रोशन; मृतक युवक ने की मिसाल कायम

Sumit Garg
2 Min Read

आगरा। आगरा में एक युवक ने अपनी मृत्यु के बाद दो दृष्टिहीन लोगों को नई रोशनी दी है। पिछले साल सड़क हादसे में हुई मौत के बाद हेमेंद्र सिंह के परिवार ने उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार उनके नेत्रों का दान किया।

हेमेंद्र सिंह के पिता महेंद्र सिंह ने बताया कि उनके बेटे की शादी कुछ महीने पहले ही हुई थी और उन्होंने नेत्रदान करने की इच्छा जताई थी। उन्होंने कहा, “भारत में नेत्रदान को लेकर कई गलत धारणाएं हैं। नेत्रदान एक पुण्य का काम है और इससे कई लोगों की जिंदगी बदल सकती है।”

महेंद्र सिंह ने लोगों से अपील की कि वे नेत्रदान को बढ़ावा दें और इस पुण्य कार्य से जुड़ें। उन्होंने कहा, “हम सभी को अपनी आंखों का ख्याल रखना चाहिए और मृत्यु के बाद नेत्रदान करना चाहिए। इससे हम कई लोगों के जीवन में रोशनी ला सकते हैं।”

See also  झांसी: मांगे पूरी न होने तक रेलवे कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन जारी

नेत्रदान के बारे में महत्वपूर्ण बातें

  • नेत्रदान एक पुण्य का कार्य है जिससे कई लोगों की जिंदगी रोशन हो सकती है।
  • नेत्रदान करने के लिए किसी भी तरह की धार्मिक या सांस्कृतिक बाधा नहीं है।
  • नेत्रदान करने के लिए व्यक्ति को जीवित रहते हुए अपनी आंखों का ख्याल रखना चाहिए।
  • मृत्यु के बाद नेत्रदान करने के लिए परिवार के सदस्यों का सहयोग बहुत जरूरी है।

See also  अंतर्राष्ट्रीय हिंदू महासंघ भारत के तत्वधान में प्रभु श्री रामचंद्र जी शोभा यात्रा धूमधाम से निकाली गई
Share This Article
Follow:
प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement