विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने विवेचक के गैरहाजिर रहने पर SSP फिरोजाबाद को निर्देश दिया
साल 2021 से लंबित है गंभीर दुराचार व पॉक्सो एक्ट का मुकदमा
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रही है सुनवाई
आगरा : उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जनपद में पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज एक गंभीर आपराधिक मुकदमे में गवाही देने में असफल रहे विवेचक के खिलाफ अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए उसका वेतन रोकने का आदेश जारी कर दिया है। विशेष न्यायाधीश, पॉक्सो एक्ट की अदालत ने यह आदेश वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) फिरोजाबाद को दिया है।
यह मामला थाना अछनेरा क्षेत्र का है, जहां वर्ष 2021 में आरोपी भूपाल उर्फ भूपेंद्र के विरुद्ध एक अवयस्क पीड़िता के साथ घर में घुसकर दुराचार, धमकी और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमे में सभी गवाहों की गवाही पूरी हो चुकी है, लेकिन विवेचक उदय वीर सिंह, जो वर्तमान में मॉनिटरिंग सेल, जनपद फिरोजाबाद में तैनात हैं, अब तक अदालत में पेश नहीं हुए।
अदालत का गंभीर रुख
विशेष न्यायाधीश ने कई बार विवेचक को गवाही के लिए बुलाया, लेकिन मात्र एक घंटे की दूरी पर तैनात होने के बावजूद विवेचक उदय वीर सिंह अदालत में पेश नहीं हो रहे हैं। यह मुकदमा न केवल गंभीर आरोपों से जुड़ा है, बल्कि इसकी सुनवाई उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अंतर्गत निगरानी में हो रही है।
इसके बावजूद विवेचक की लगातार अनुपस्थिति को अदालत ने न्याय प्रक्रिया में बाधा मानते हुए, अग्रिम आदेश तक उनका वेतन रोकने का आदेश जारी किया है। यह आदेश वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया गया है ताकि समय पर विवेचक की उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके और पीड़िता को समय पर न्याय मिल सके।
क्यों है मामला गंभीर?
घटना: घर में घुसकर नाबालिग से दुराचार और धमकी
धाराएं: IPC की संगीन धाराओं के साथ-साथ पॉक्सो एक्ट लागू
स्थिति: केवल विवेचक की गवाही शेष
न्यायिक आदेश: कई बार सम्मन और आदेशों के बावजूद विवेचक गैरहाजिर
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मामला
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट दोनों ही इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि यह केवल एक सामान्य मुकदमा नहीं, बल्कि नारी और बाल संरक्षण से जुड़ा अति संवेदनशील मामला है।
