नकली दवाओं का धंधा: क्या आप भी हैं शिकार? बचने के लिए अपनाएं ये 5 टिप्स

Gaurangini Chaudhary
Gaurangini Chaudhary - Content writer
3 Min Read

आगरा में हाल ही में करोड़ों रुपये की नकली दवाइयाँ पकड़ी गईं, जो यह दिखाता है कि यह समस्या कितनी गंभीर है। इन नकली दवाओं की सप्लाई अक्सर नर्सिंग होम और अस्पतालों के पास स्थित मेडिकल स्टोरों पर होती है। जब हम बीमारी में इन्हें लेते हैं, तो ये हमारी सेहत के लिए और भी खतरनाक हो सकती हैं।

लेकिन, कुछ सावधानियाँ बरतकर हम नकली दवाओं के सेवन से बच सकते हैं:

* जेनरिक दवाइयाँ चुनें: ज़्यादातर नकली दवाइयाँ महंगी और ब्रांडेड एथिकल दवाओं में पाई जाती हैं, क्योंकि इनमें मुनाफा ज़्यादा होता है। वहीं, जेनरिक दवाइयाँ सस्ती होती हैं, जिससे इनके नकली होने का खतरा कम हो जाता है। यह एक आम धारणा है कि जेनरिक दवाएँ असर नहीं करतीं, जो कि गलत है।

See also  'कुंवारे' सरकारी कर्मचारी की अनोखी फरियाद! 46 की उम्र में लगाई शादी की अर्जी, सरकार से मांगी 'दुल्हन'!

* ब्रांडेड कंपनियों की जेनरिक दवाएँ लें: कोशिश करें कि आप सिपला, डॉ. रेड्डी, मैनकाइंड या इंटास जैसी जानी-मानी कंपनियों की जेनरिक दवाएँ ही लें। ये कंपनियाँ अपनी ब्रांड वैल्यू से समझौता नहीं करतीं, जिससे गुणवत्ता की गारंटी होती है।

* एमआरपी (MRP) से गुमराह न हों: ब्रांडेड जेनरिक दवाओं पर एमआरपी बहुत ज़्यादा होती है, जिससे उनकी असली कीमत का पता लगाना मुश्किल होता है। लेकिन, इनका वास्तविक रेट बहुत कम होता है। अगर आप मेडिकल स्टोर पर जेनरिक दवा मांगते हैं, तो हो सकता है कि वे मना कर दें क्योंकि वे उसी दवा को ब्रांडेड नाम से बेचकर ज़्यादा मुनाफा कमाते हैं।

See also  आगरा पुलिस का 'क्राइम GPT' से अपराधियों पर डिजिटल वार, AI से कुछ ही सेकेंड में कुंडली सामने

नकली और असली दवा की पहचान कैसे करें?

* पैकेजिंग की जाँच करें: असली दवाओं की पैकेजिंग पर सभी जानकारी साफ और स्पष्ट होती है। किसी भी तरह की स्पेलिंग की गलती, धुंधली छपाई, या बारकोड का न होना नकली होने का संकेत है।

* QR कोड स्कैन करें: आजकल बहुत सी कंपनियाँ अपनी दवाओं पर QR कोड देती हैं। इसे स्कैन करके आप दवा की प्रामाणिकता (authenticity) की जाँच कर सकते हैं।

* दवा की कीमत: अगर कोई दवा अपनी सामान्य कीमत से बहुत सस्ती मिल रही है, तो उस पर संदेह करना ज़रूरी है।
* डॉक्टर से परामर्श लें: अपने डॉक्टर से दवाओं के बारे में खुलकर बात करें और उनसे जेनरिक दवाओं के विकल्प पूछें।

See also  लगातार बारिश से गूगामद में मकान धराशाई, जानहानि से बचे लोग

* पक्के बिल की माँग करें: हमेशा मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने पर पक्का बिल लें। इससे अगर कोई दिक्कत होती है तो आपके पास सबूत रहेगा।

See also  रामचरितमानस पर बयान देकर फंसे सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य मुस्लिम समुदाय ने माफी मांगने को कहा
Share This Article
Content writer
Follow:
Passionate about storytelling and journalism. I provide well-researched, insightful and engaging content here.
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement