आगरा, उत्तर प्रदेश: टेरिटोरियल आर्मी में भर्ती के नाम पर जम्मू-कश्मीर के युवाओं से लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले एक बड़े गिरोह का आगरा में यूपी एसटीएफ ने भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह युवाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र और मेडिकल टेस्ट का झांसा देकर अपने जाल में फंसाता था। एसटीएफ ने मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह का मुख्य सरगना अभी फरार है।
फर्जी मेडिकल और नकली नोटिफिकेशन से चलता था धंधा
लखनऊ की आर्मी इंटेलिजेंस यूनिट से मिली गोपनीय जानकारी के आधार पर यूपी एसटीएफ की टीम ने आगरा के आईएसबीटी क्षेत्र और खेरिया एयरपोर्ट के पास स्थित दो होटलों में ताबड़तोड़ छापेमारी की। इन होटलों में जम्मू-कश्मीर के 24 युवक भर्ती प्रक्रिया के झांसे में रुके हुए पाए गए। युवाओं से पूछताछ में पता चला कि उनसे 7-8 लाख रुपये में टेरिटोरियल आर्मी में भर्ती कराने की डील की गई थी।
ठगों का यह गिरोह अभ्यर्थियों का विश्वास जीतने के लिए बेहद शातिराना तरीका अपनाता था। वे फर्जी आर्मी नोटिफिकेशन और अन्य दस्तावेज तैयार करते थे। इसके बाद, शिकोहाबाद के एक फिजियोथेरेपिस्ट को मेडिकल टेस्ट कराने के लिए बुलाया जाता था। इन सब प्रक्रियाओं से युवाओं को यह विश्वास दिलाया जाता था कि उनकी भर्ती तय है, जिसके बाद उनसे मोटी रकम वसूली जाती थी।
तीन शातिर गिरफ्तार, गैंग लीडर दीपक शर्मा फरार
एसटीएफ ने मौके से तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें सुनील कुमार (सांबा, जम्मू-कश्मीर), बलवंत सिंह (कठुआ, जम्मू-कश्मीर) और अजय यादव (फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश) शामिल हैं। गिरोह का मुख्य सरगना दीपक कुमार शर्मा (पठानकोट, पंजाब निवासी) बताया जा रहा है, जो अभी फरार है। ठगी गई रकम सीधे दीपक शर्मा के खाते में ट्रांसफर की गई थी।
गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों से एसटीएफ की पूछताछ जारी है, जिससे गैंग के पूरे नेटवर्क और इसमें शामिल अन्य सहयोगियों के बारे में कई महत्वपूर्ण नाम और कड़ियां सामने आ रही हैं। एसटीएफ ने मुख्य सरगना दीपक शर्मा की गिरफ्तारी के लिए अभियान तेज कर दिया है। यह कार्रवाई उन भोले-भाले युवाओं के लिए एक चेतावनी है जो सेना में जाने के सपने देखते हैं और ठगों के जाल में फंस जाते हैं।