आगरा: भारतीय सेना में लांस हवलदार के पद पर कार्यरत एक सैनिक की सड़क दुर्घटना में दुखद मृत्यु के मामले में, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने उनके परिवार के लिए बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने मृतक के आश्रितों को बीमा कंपनी से ₹93 लाख 70 हजार का मुआवजा ब्याज सहित दिलाने का आदेश दिया है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि बीमा कंपनी को यह राशि ट्रैक्टर ट्रॉली के मालिक से वसूल करने का अधिकार होगा।
क्या था पूरा मामला?
यह हृदय विदारक घटना 19 दिसंबर 2017 की है। रक्षा मंत्रालय में लांस हवलदार के पद पर तैनात 38 वर्षीय सैनिक उमाशंकर सिंह, अपने गाँव बिचपुरी (आगरा) लौट रहे थे। शाम करीब 7 बजे, नगला हरमुख के पास एक ट्रैक्टर ट्रॉली (संख्या UP 80 VY 7635) के चालक मनोज कुमार ने लापरवाही से वाहन चलाते हुए उनकी मोटरसाइकिल में जोरदार टक्कर मार दी।
इस टक्कर में उमाशंकर सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत लखनऊ के मिलिट्री कमांड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। कई महीनों तक चले इलाज के बाद, 2 अप्रैल 2018 को उनकी मृत्यु हो गई। इस हादसे से उनकी पत्नी श्रीमती गिरिशा देवी और दो नाबालिग बच्चों की दुनिया उजड़ गई।
न्याय की लड़ाई और अदालत का फैसला
पत्नी गिरिशा देवी ने इस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार बीमा कंपनी दी नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ट्रैक्टर ट्रॉली के मालिक राकेश कुमार और चालक मनोज कुमार के खिलाफ मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में मुआवजे के लिए मुकदमा दायर किया।
अदालत ने वादिनी के अधिवक्ता राजेश सिंघल, जेपी शर्मा और राघव सिंघल के तर्कों को स्वीकार करते हुए इंश्योरेंस कंपनी को आदेश दिया कि वह 93 लाख 70 हजार रुपये का मुआवजा ब्याज सहित मृतक के परिवार को दे। अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा कि ट्रैक्टर में ट्रॉली लगे होने के कारण नियमों का उल्लंघन हुआ था, इसलिए बीमा कंपनी मुआवजे का पूरा भुगतान करने के बाद यह धनराशि ट्रैक्टर मालिक से वसूल कर सकती है।