बोले – किसानों की समस्या का कौन करेगा समाधान, डीएपी 1500 रुपये में बिकने सहित अन्य मुद्दों पर उठी आवाज
आगरा। कृषि विज्ञान केंद्र सभागार में बुधवार को आयोजित किसान दिवस कार्यक्रम में किसानों ने जमकर हंगामा किया। वजह रही – तय अधिकारियों की अनुपस्थिति और उनकी जगह अधीनस्थ कर्मचारियों को भेजना, डीएपी व यूरिया खाद की अनुपलब्धता, गौशालाओं में अनियमितताएँ और पशु टीकाकरण से जुड़ी समस्याएँ। स्थिति यह भी बनी कि अधिकारियों और किसानों के बीच कहासुनी के चलते विवाद मारपीट तक पहुँचने से बचा।
किसानों को शांत कराने में किसान नेता मोहन सिंह चाहर की अहम भूमिका रही। उन्होंने कहा कि कई विभागों के नामित अधिकारी किसानों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेते। यदि आगामी किसान दिवस में नामित अधिकारी उपस्थित नहीं हुए, तो उनके अधीनस्थों को मंच पर बैठने नहीं दिया जाएगा।उप निदेशक कृषि मुकेश कुमार ने कहा कि जिन विभागों के अधिकारी अनुपस्थित रहेंगे, उनकी शिकायत जिलाधिकारी से की जाएगी और उन पर नोटिस जारी होगा। किसानों की समस्याओं के समाधान में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।किसान नेता लक्ष्मीनारायण बघेल ने डीएपी व यूरिया खाद उपलब्ध कराने की मांग की तथा अछनेरा की गोबरा उपसमिति पर डीएपी भेजने की आवश्यकता जताई। उन्होंने किसानों से जैविक एवं जहर-मुक्त खेती अपनाने की अपील भी की।
किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने गौशालाओं का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार करोड़ों का बजट देती है, फिर भी गाय भूखी मर रही हैं। इसकी जांच कराई जानी चाहिए। वहीं किसान नेता सोमवीर यादव ने मदरा गांव में बिजली के जर्जर तार बदलने की मांग रखी। किसानों ने नहरों की समय पर सफाई और पशु टीकाकरण को लेकर भी आवाज बुलंद की।कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में डीसी स्वरोजगार राजन राय, जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार, को-ऑपरेटिव एआर विमल कुमार, जिला उद्यान अधिकारी बैजनाथ सिंह, पशु चिकित्सा अधिकारी प्रियंका मौजूद रहे। किसानों में पुष्पेंद्र जैन, उदयवीर सिंह, प्रेम सिंह अरदाया, लक्ष्मी नारायण बघेल, लाखन सिंह त्यागी, भगवान सिंह त्यागी, मुकेश पाठक, सत्या चाहर, रामगोपाल शर्मा सहित अनेक किसान शामिल हुए।