एटा: एटा जिले के कस्बा जैथरा में रबी की फसल की बुआई का समय चल रहा है, लेकिन खाद की भारी कमी ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खाद की किल्लत के चलते किसान परेशान हैं और उन्हें निजी दुकानों से ऊंचे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है।
खाद की उपलब्धता पर संकट
कुरावली रोड पर स्थित सहकारी उपभोक्ता भंडार से खाद लेने पहुंचे किसानों का कहना है कि खाद स्टॉक में होने के बावजूद दुकान बंद कर दी गई है और दुकानदार गायब हैं। किसानों का कहना है कि हर साल खाद की समय पर उपलब्धता को लेकर समस्या आती है, लेकिन इस बार स्थिति और भी खराब हो गई है। खाद के बिना समय पर बुआई न कर पाने से किसानों की फसल उत्पादन पर सीधा असर पड़ सकता है।
दुकान बंद, विक्रेता गायब
किसान राकेश कुमार ने बताया, “हम सुबह से यहां खड़े हैं, लेकिन दुकान बंद है। हमें बताया गया था कि खाद आज उपलब्ध होगी, लेकिन यहां कोई जानकारी देने वाला भी नहीं है।” इस बीच, मेदूपुरा की महिला किसान पूनम का आरोप है कि खाद की कमी का फायदा उठाकर निजी विक्रेता इसे ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं। सरकारी दर पर मिलने वाली खाद की अनुपलब्धता के कारण किसानों को निजी दुकानों पर निर्भर होना पड़ रहा है, जहां उन्हें सामान्य कीमत से डेढ़ गुनी कीमत चुकानी पड़ रही है।
किसान कर रहे हैं विरोध की चेतावनी
इस स्थिति को लेकर किसानों ने स्थानीय प्रशासन से शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही खाद की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की गई, तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
सरकारी उदासीनता पर सवाल
कस्बा जैथरा के किसानों की यह समस्या एक बार फिर सरकारी तंत्र की उदासीनता और योजनाओं के सही क्रियान्वयन की कमी को उजागर करती है। किसान सरकार से खाद की उचित और समय पर उपलब्धता की उम्मीद कर रहे हैं ताकि वे अपनी बुआई समय पर कर सकें और उनकी फसल उत्पादन पर कोई असर न पड़े।