फतेहपुर सीकरी। जामा मस्जिद के पीछे स्थित दरगाह हजरत ताजुद्दीन उर्फ वाले मियां चिश्ती रहमतुल्ला अलैहे का सालाना उर्स इस साल भी 03 फरवरी, सोमवार को बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। हर साल की तरह इस साल भी यह उर्स दरगाह के सज्जादा नशीन मुतबल्ली हाजी नवाब उद्दीन चिश्ती और हाजी मुकीम चिश्ती की सरपरस्ती में पूरे धार्मिक उत्साह और श्रद्धा के साथ आयोजित किया जाएगा।
हजरत ताजुद्दीन उर्फ वाले मियां चिश्ती का सालाना उर्स हर वर्ष श्रद्धालुओं द्वारा बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, जो उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित किया जाता है। इस वर्ष उर्स के आयोजन को लेकर प्रबंधकों ने पूरी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
उर्स का आयोजन और कार्यक्रम
उर्स का आयोजन 03 फरवरी को सुबह 03:00 बजे से शुरू होगा। इस दौरान दरगाह शरीफ पर श्रद्धालु एकत्र होंगे और विधिवत रूप से धार्मिक अनुष्ठान आरंभ होंगे। सबसे पहले 03:00 बजे से चादर पोशी और गुलाब जल इत्र पेश किया जाएगा, जिसके बाद संदल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी।
इस अवसर पर विशेष रूप से दुआ का एहतमाम किया जाएगा। शाम 06:00 बजे से लंगर तकसीम किया जाएगा, जिसमें आम जनता को भोजन वितरण किया जाएगा। रात 9:00 बजे से कबालियों का प्रोग्राम शुरू होगा, जिसमें प्रसिद्ध कव्वाल अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इस समय महफिल-ए-शमा का आयोजन भी होगा, जो उर्स की रौनक को और बढ़ाएगा।
समापन और अंतिम दिन की रस्में
उर्स के समापन के लिए 4 फरवरी को सुबह कुरान खानी और फातिहा खानी का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही, श्रद्धालु दरगाह पर जाकर हजरत ताजुद्दीन उर्फ वाले मियां चिश्ती की पूजा अर्चना करेंगे। उर्स के समापन के दौरान पूरे माहौल में आध्यात्मिक शांति और भक्ति का माहौल होगा।
प्रबंधन और आयोजन की तैयारी
दरगाह शरीफ के रुहल अमीन चिश्ती ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार उर्स के आयोजन में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। धार्मिक अनुष्ठान, महफिल-ए-शमा, कबाली और लंगर तकसीम के लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। उर्स के आयोजन में देशभर से श्रद्धालु पहुंचेंगे और इस पवित्र आयोजन का हिस्सा बनेंगे।
उर्स के आयोजन के दौरान हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं, जो हजरत ताजुद्दीन उर्फ वाले मियां चिश्ती रहमतुल्लाह अलैहे की दरगाह पर आकर अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं और उन्हें आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
रंगीन महफिल और श्रद्धा का समागम
उर्स के समापन के समय रंगीन महफिल का आयोजन होगा, जिसमें भक्तों द्वारा हजरत ताजुद्दीन उर्फ वाले मियां चिश्ती की जीवित यादों में श्रद्धा व्यक्त की जाएगी। यह आयोजन एक धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समागम के रूप में पूरी समुदाय के लिए महत्वपूर्ण होता है।