फतेहपुर सीकरी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर बी आर स्कूल में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में विभाग प्रचारक आनंद जी ने अपने बौद्धिक प्रबोधन में कहा कि “सही दिशा में हुआ परिवर्तन ही संक्रांति है।” उन्होंने इस अवसर पर देश के महापुरुषों द्वारा किए गए सम्यक क्रांतिकारी कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि समाज में समय-समय पर किए गए इन परिवर्तनों से ही देश और समाज में बदलाव आया।
आनंद जी ने कहा कि मकर संक्रांति पर्व का असली अर्थ बिखरे हुए समाज को समरस, सबल और एकत्र करना है। इस पर्व के माध्यम से हम भारतीय संस्कृति का संरक्षण करने के साथ-साथ पारिवारिक मूल्यों की अहमियत को भी समझ सकते हैं। उन्होंने विशेष रूप से आजकल के समाज में पारिवारिक मूल्यों के गिरते स्तर को चिंतनीय बताया और संस्कारों की आवश्यकता पर बल दिया।
संस्कार और पर्यावरण पर ध्यान देने की आवश्यकता
आनंद जी ने पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी उत्पादों के उपयोग और नागरिक शिष्टाचार जैसे विषयों पर भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष यह लक्ष्य लेकर आया है कि भारत में राष्ट्रीय चिंतन का परिवर्तन हो और देश को पुनः विश्व गुरु बनाने की दिशा में आगे बढ़े।
कार्यक्रम में विशेष उपस्थितियां
कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रेम सिंह ने अपने आशीर्वचन दिए और इस पर्व के महत्व को समझाया। इसके बाद, सभी स्वयंसेवकों को खिचड़ी और तिल की गजक का सहभोज कराया गया।
कार्यक्रम में सह विभाग संघ चालक रामवीर सिंह फौजदार, नगर संघ चालक राम गोयल, प्रचारक भरत लाल, कार्यवाह नितिन सांमरिया, संतोष राजपूत, मंगलसेन मित्तल, रविंद्र बाल्मिक, अनुज मित्तल, मनोज सिंघल, राहुल घाटी, विनोद सांमरिया, सरल राजपूत, मंगलसेन विवेक शर्मा, वीरेंद्र सिंह, अशोक लोधी, नरेश कोली, अमित खंडेलवाल, विजय मित्तल, मुरारी लाल, आकाश मित्तल, भोला सर्राफ, रामू जायसवाल समेत कई प्रमुख लोग मौजूद रहे।
यह कार्यक्रम मकर संक्रांति के अवसर पर समाज को एकजुट करने और सकारात्मक बदलाव की दिशा में कदम उठाने का संदेश देने के लिए आयोजित किया गया था।