आगरा: आगरा कमिश्नरेट पुलिस की कार्यशैली पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। एक वायरल वीडियो में एक पुलिसकर्मी को एक युवक को बेल्ट और पाइप से बेरहमी से पीटते हुए देखा जा सकता है। खास बात यह है कि आगरा के कई पुलिसकर्मियों ने वीडियो में दिख रहे सिपाही की पहचान उपेंद्र यादव के रूप में की है, जो वर्तमान में एत्मादुद्दौला थाने में तैनात है, लेकिन कमिश्नरेट पुलिस इसे पहचानने से ही इनकार कर रही है।
पुलिस का आधिकारिक बयान और उसकी सच्चाई
आगरा कमिश्नरेट पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक बयान जारी कर दावा किया है कि यह वीडियो उत्तर प्रदेश पुलिस का नहीं लग रहा है। बयान में तर्क दिया गया है कि सिपाही की बेल्ट काली है और नेमप्लेट पर ‘उत्तर प्रदेश’ का मोनोग्राम नहीं है, जिससे यह संदिग्ध है।
हालाँकि, पुलिस के इस बयान के बावजूद, वीडियो में सिपाही की पहचान स्पष्ट है। सोशल मीडिया पर एक फोटो भी वायरल हो रही है, जिसमें उपेंद्र यादव युवक को पीटता हुआ दिख रहा है। यह वीडियो उस समय का बताया जा रहा है जब वह ट्रांस यमुना थाने में तैनात था। (हम इस वीडियो की पुष्टि नहीं करते)।
पुलिस पर सिपाही को बचाने का आरोप
वीडियो के दो हिस्से चर्चा में हैं। एक 22 सेकंड के वीडियो में युवक की चीख-पुकार साफ सुनाई दे रही है, जबकि सिपाही उसे बेरहमी से पीट रहा है।
इस घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब विभाग के साथी पुलिसकर्मी सिपाही को पहचान चुके हैं, तो अधिकारी उसे क्यों नहीं पहचान पा रहे हैं? क्या यह सिपाही को बचाने का प्रयास है? इन सवालों के जवाब पुलिस की अगली कार्रवाई पर निर्भर करेंगे, और लोग जानना चाहते हैं कि इस बर्बरता के लिए जिम्मेदार सिपाही और थाना प्रभारी के खिलाफ कोई एक्शन लिया जाएगा या नहीं।