दीपक शर्मा
मैनपुरी । अक्सर आपने देखा होगा की गैस सिलेंडर के फटने से या फिर उसमें आग लगने से कई लोग जख्मी हो चुके हैं। या फिर मौत के गाल में समा चुके हैं। गैस सिलेंडर से गैस लीक होने के कारण घरों में आग लगने के कई मामले सामने आ चुके हैं। जिनसे घर में रखा घरेलू सामान जलकर स्वाहा हो जाता है। गैस से लगी आग से ना तो अभी तक किसी पीड़ित को मुआवजा मिल सका और ना ही एजेंसी धारकों एवं वितरकों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई की गई। ऐसा ही एक मामला जनपद मैनपुरी के कस्बा अलीपुर खेड़ा में देखने को मिला है। जहां गैस सिलेंडर लीक होने के कारण खाना बनाते समय सिलेंडर में आग लग जाने के कारण घर में रखा घरेलू सामान जलकर राख हो गया। गैस सिलेंडर लीक होने की शिकायत महिला द्वारा कई बार गैस एजेंसी पर की गई। लेकिन ना तो गैस लीक को सुधारने वाला आया और ना ही महिला का गैस सिलेंडर बदला गया। पीड़ित महिला ने गैस वितरक एवं गैस एजेंसी पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
ये है पूरा मामला
आपको बता दें पूरा मामला जनपद मैनपुरी के थाना भोगांव क्षेत्र के कस्बा अलीपुर खेड़ा के समीप स्थित ग्राम शिवपालपुर से जुड़ा है । बुधवार को शारदा देवी लोधी सुबह 10 बजे के लगभग अपने रसोई घर में खाना बनाने गई हुई थी। जैसे ही उन्होंने खाना बनाने के लिए गैस चूल्हे को स्टार्ट करते हुए माचिस जलाई। वैसे ही सिलेण्डर में रेगुलेटर की तरफ से आग लग गई। आग इतनी विकराल थी जो दो कमरों में फैल गई जिसके कारण घर मे रखा राशन, गेंहूँ, चारपाई, रजाई गद्दा, दो मोबाइल जलकर राख हो गये। छत का लेंटर भी चटक गया। घर में लगी आग को देख शारदा देवी आपको देखते ही घर से बाहर हो गई। उनके द्वारा शोर मचाने पर पडोसी मौके पर पहुंचे। जिन्होंने पानी और मिट्टी की सहायता से बड़ी मुश्किल से आग पर काबू पाया।
एजेंसी संचालक ने शिकायत का नहीं करवाया निस्तारण
शारदा देवी ने आरोप लगाते हुए बताया कि 7 मार्च को अली खेड़ा इण्डेन ग्रामीण वितरक से सिलेण्डर लिया था। गैस वितरक एवं एजेंसी से गैस लीक होने की शिकायत की या तो मेरा सिलेंडर बदल दो या लीक हो रही गैस को सुधार दो। लेकिन गैस एजेंसी के कर्मचारियों ने एक न सुनी। और ना कोई भी सुधारने आया। आज गैस सिलेंडर में आग लग गई। जिससे उसके घर में रखा हजारों कीमत का सामान जलकर स्वाहा हो गया।
बमुश्किल बची महिला की जान
सिलेंडर द्वारा दो कमरों में लगी आग का विकराल रूप देखकर महिला ने खाना बनाते समय रसोई से भागना ही उचित समझा। आग की लपटें इतनी तेज थी कि उसके सामने कोई भी टिकने का नाम नहीं ले रहा था। गनीमत यह रही कि आग लगते ही महिला रसोई घर से निकलकर बाहर हो गई।