रमजान उल मुबारक का पहला रोजा आफतार

Dharmender Singh Malik
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नाला नई बस्ती कुलियाना स्थित मोहम्मद जमील के निवास पर परिवार द्वारा रोजाआफ्तर किया गया मोहम्मद जमील ने बताया कि रमजान उल मुबारक का पहला रोजा अल्लाह तबारक ताला ने अपने बंदों के लिए बहुत ही आसान फरमा दिया था सुबह के समय बारिश का मौसम कर दिया जिससे कि मेरे रोजदर बंदे को भूख व प्यास की शिद्दत ना हो इसीलिए आज चंदाल उल मुबारक का पहला रोजा हम सभी रोज दारु के लिए बहुत आसान रहा रमजान उल मुबारक के पूरे महा के जो पूरे रोजे रखता है उस पर अल्लाह तबारक ताला अपनी रहमत नाजिल फरमा ता है पूरे साल में रमजान उल मुबारक का महीना एक ऐसा महीना होता है कि जिसमें अल्लाह तबारक ताला अपने रोजदार बंदे की इतने करीब आ जाता है कि वह बंदा इफ्तार के वक्त जो भी हाथ उठा कर दुआ करता है। अल्लाह तबारक ताला उसकी हरदुआ कुबूल फरमाता है जिस वक्त अल्लाह तबारक ताला का बंदा रोजा रखता है उस वक्त फरिश्तों से अल्लाह तबारक ताला शर्म आता है कि मेरे इस बंदे के कदम कदम पर तुम लोग ने किया लिखो आज मैं अपने इस रोजेदार बंदे से बहुत खुश और राजी हूं आगरा शहर में जगह जगह रोजेदारों को रोजा खुलवाने का सिलसिला शुरू हो गया है अल्लाह हम सभी को रमजान उल मुबारक के महीने में पूरे रोजे रखने की तौफीक अता फरमाए।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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