- सीए बोले कि मैने नहीं किया प्रेस क्लब का आडिट, हो सकता है मुकदमा
- पत्रकारों की नाक कहे जाने वाले क्लब ने लिया था एक लाख का कर्ज
ब्रजेश कुमार गौतम
आगरा। जिले भर में सच्चाई का पाठ पढ़ाने वाले एक मात्र पत्रकारों के ताज प्रेस क्लब का नाम फ्रॉड मंडली की लिस्ट में शामिल हो सकता है। क्लब के जिम्मेदार पदाधिकारियों ने आॅडिट में सीए के नाम का गलत इस्तेमाल किया है। सीए ने उप निबंधन अधिकारी को लिखकर दिया है कि उन्होंने ताज प्रेस क्लब का आडिट नहीं किया है।
इसके अलावा प्रेस क्लब ने अपनी सफाई में दिखाया है कि एक पदाधिकारी से एक लाख रुपये का लोन लिया था। जो कि नियमानुसार गलत है। बतादें कि पदाधिकारी महिला प्रेमी है। इनकी जड़ों में अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़े एक सीनियर पत्रकार ने नमक डालना शुरू कर दिया है। इस बार इनकी लंका में आग लगना तय है।
मामला ताज प्रेस क्लब से जुडा हुआ है। ज्ञातव्य है, आगरा ताज प्रेस क्लब जिले में पत्रकारों की इकमात्र संस्था है। जो पिछले कई दशकों से शहर में चल रही है। वर्ष 2022 में चुनाव 12 साल बाद हुए, तो शहर में प्रेस क्लब चर्चा का विषय रहा। प्रत्याशियों ने चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बाहर के लोग भी सक्रिय रहे।
संस्था के तीन अहम पद के लिए चुनाव नाक बाल बने। पुरानी टीम के कई पदधिकारी इस बार भी जीतकर आये। उनमें से एक पदाधिकारी जिसको लेकर हरेक विरोध में था। वह भी जीतकर आये। उनके ऊपर क्लब की अहम जिम्मेदारी है। हालांकि उन पर अनयमित्ताओं के आरोप थे। कई गबन के आरोप लगे। चुनाव हुए और नई टीम अपनी सक्रियता से काम कर रही है। लेकिन आय-व्यय को लेकर सभी ने बात करना बंद कर दिया। चुनाव से पहले जो वादे थे वह सब भूल गये।
वहीं अध्यक्ष पद पर पर्चा तो भरा, लेकिन बाद में नाम वापस लेने वाले सीनियर पत्रकार ओम ठाकुर ने असली पत्रकार होने का धर्म निभाया और घोटालेबाज पदाधिकारी के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर दी।
नवीनीकरण में लगाये दस्तावेजों की हुई जांच
ओम ठाकुर ने उप निबंधन अधिकारी के यहां शिकायत की कि संस्था के नवीनीकरण के समय कार्यालय में संस्था के तथा कथित पदाधिकारियो द्वारा आडिटिड बैलेन्सशीट प्रस्तुत की गयी है। वह बैलन्सशीट मिश्रा राजीव कमल एण्ड एसोसियेट के लैटर पैड पर सीए समित कुमार शर्मा द्वारा आॅडिट कराकर आॅडिट रिर्पोट के साथ पेश की गई।
आरोप है कि वह आॅडिट रिर्पोट फर्जी व कूटरचित है तथा पदाधिकारियो द्वारा कूटरचना करके अपने हस्ताक्षर के बिना आडिट रिर्पोट पत्रावली पर प्रस्तुत कर दी। ओम ठाकुर इस सम्बन्ध में सीए समित कुमार शर्मा से जानकारी की, तो उन्होंने लिखित रूप में अवगत कराया गया कि ताज प्रेस क्लब की बैलन्सशीट वर्ष 2020-21 व 2021-22 आॅडिट नहीं की है।
तथाकथित पदाधिकारियों ने आडिट रिपोर्ट कूटरचना करके फर्जी बनाकर, जानबूझकर उप निबंधन कार्यालय में प्रस्तुत की गई। यह धारा 420, 467, 468, 471 के तहत एक गम्भीर अपराध है।
एक पदाधिकारी से लिया था प्रेस क्लब ने लोन
आडिट के मुताकि बात करें, तो वर्ष 2020-21 की बैलेन्सशीट में एक लाख रुपये का लोन एक पदाधिकारी से लेना बताया है। जबकि संस्था के बैंक खाते में 60645 रुपये जमा थे, तो लोन की क्या आवश्यकता हुयी? काननू की भाषा में बात करें, तो एक वर्ष में 20,000 रुपये से अधिक की कैश लोन एन्ट्री नहीं हो सकती है।
मार्च 2022 की बैलेन्सशीट की बात करें, तो उसमें उन्होंने 2,26,600 रुपये कैश इन हैण्ड बताया है। इतनी बढ़ी धनराशि हाथ में क्यों रही इसका कोई भी स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। प्रेस क्लब ने सदस्यता शुल्क से आय 3,50,100 दशार्यी है। ये धनराशि किस-किस से कितनी-कितनी प्राप्त हुई। इसका कोई ब्यौरा नहीं है।
वर्ष 2021 में मात्र 100 रुपये कैश इन हैण्ड दिखाये तथा इस वर्ष सदस्यता शुल्क से कोई भी आय नहीं दिखाई। एक तरफ कथित पदाधिकारी आडिटिड बैलेन्सशीट प्रस्तुत कर रहे है और दूसरी ओर आॅडिट फीस का कोई भी विवरण बैलेन्सशीट में नहीं है।