आगरा। पूर्व विधायक जगन प्रसाद गर्ग के निधन के बाद उनके परिवार को बड़ी राहत मिली है। अपर जिला न्यायाधीश (एडीजे) 21 ने उनके पुत्रों और पत्नी के खिलाफ दायर की गई सिविल अपील को खारिज कर दिया है।
मामले के अनुसार, लोहामंडी रोड, आगरा के निवासी प्रेम चंद अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि जगन प्रसाद गर्ग ने साल 2018 में अपने व्यापार के लिए उनसे पांच लाख रुपये उधार लिए थे। यह राशि 6 महीने में लौटानी थी, अन्यथा 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देना तय हुआ था। इसके एवज में गर्ग ने प्रेम चंद अग्रवाल को पांच लाख रुपये का एक पोस्ट-डेटेड चेक भी दिया था।
10 अप्रैल 2019 को जगन प्रसाद गर्ग का हृदय गति रुकने से निधन हो गया। इसके बाद प्रेम चंद अग्रवाल ने उनकी पत्नी श्रीमती लक्ष्मी देवी और पुत्रों वैभव गर्ग व सुभाष गर्ग को उनका कानूनी उत्तराधिकारी मानते हुए उनके खिलाफ एक सिविल मुकदमा दायर किया।
अपर सिविल जज जूनियर डिवीजन ने 7 सितंबर 2024 को वादी का मुकदमा खारिज कर दिया था। इसके बाद प्रेम चंद अग्रवाल ने अधीनस्थ न्यायालय के इस आदेश के खिलाफ सत्र न्यायालय में अपील की थी।
पूर्व विधायक के परिवार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एम.पी. सिंह और शुभम पाल सिंह ने पक्ष रखा। उनकी दलीलों को सुनने के बाद एडीजे-21 ने वादी की अपील को भी खारिज कर दिया, जिससे जगन प्रसाद गर्ग के परिवार को बड़ी राहत मिली है।
