आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के अछनेरा थाना क्षेत्र के गांव तुरकिया में अपने भाई सत्य प्रकाश, उनकी पत्नी पुष्पा और चार बच्चों की सामूहिक हत्या के आरोप से गंभीर सिंह को साक्ष्य के अभाव में बुधवार को जेल से रिहा कर दिया गया। यह घटना 9 मई 2012 को हुई थी, और उस समय से गंभीर सिंह को जेल में बंद किया गया था। लेकिन अब, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उसे निर्दोष साबित होने के बाद रिहा किया गया है। जेल से बाहर आते ही गंभीर सिंह ने अपनी बेगुनाही की बात दोहराई और साथ ही अपनी सुरक्षा की चिंता जताई।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला और गंभीर सिंह की रिहाई
आगरा सेंट्रल जेल में बंद गंभीर सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने 27 जनवरी 2025 को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। इस फैसले के बाद, बुधवार को गंभीर सिंह को जेल से रिहा किया गया। उसे दी गई मौत की सजा और उसके बाद की उच्च न्यायालय द्वारा सजा की पुष्टि के बावजूद, पुलिस द्वारा की गई विवेचना में लापरवाही और कोई ठोस सबूत न पेश करने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने उसकी रिहाई का आदेश दिया।
हत्या का मामला क्या था?
यह घटना 9 मई 2012 को अछनेरा के गांव तुरकिया में घटी थी, जब सत्यप्रकाश, उनकी पत्नी पुष्पा और उनके चार बच्चे एक ही समय में हत्या के शिकार हो गए थे। पुलिस ने जांच के दौरान सत्यप्रकाश के भाई गंभीर सिंह को आरोपित किया और उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद आगरा कोर्ट ने गंभीर सिंह को मौत की सजा सुनाई, जिसे हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा।
हालांकि, मामले की जांच में कई खामियां सामने आईं। पुलिस द्वारा पेश किए गए साक्ष्य अधूरे थे, और जांच में कई महत्वपूर्ण पहलुओं की अनदेखी की गई थी। इसके परिणामस्वरूप सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर सिंह को बरी कर दिया।
जेल से बाहर निकलते वक्त गंभीर सिंह का बयान
जेल से बाहर निकलने के बाद गंभीर सिंह ने कहा, “अब मुझे नहीं पता कहां जाऊंगा, कोई लेने नहीं आया। मैं पूरी तरह से निर्दोष हूं और मुझे अपनी जान का खतरा है।” गंभीर ने यह भी कहा कि जब उसे जेल से रिहा किया गया, तो न तो कोई रिश्तेदार और न ही कोई सगा-संबंधी उसे लेने आया। ऐसे में वह असमंजस में था कि आगे कहां जाएगा और किसके पास जाएगा।
सुरक्षा की मांग
गंभीर सिंह ने अपनी जान का खतरा बताते हुए पुलिस से सुरक्षा की मांग की। उसने कहा, “मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए, लेकिन अब जब मुझे अदालत से न्याय मिला है, तो मुझे किसी भी प्रकार का खतरा हो सकता है।” उसके बयान से यह साफ था कि वह अपने खिलाफ की गई आरोपों और पुलिस की लापरवाही से बेहद परेशान था।