आगरा, उत्तर प्रदेश: ताज नगरी आगरा में भारतीय कला और संस्कृति का महाकुंभ शुरू हो चुका है। कार्यालय विकास आयुक्त, वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित प्रतिष्ठित ‘गांधी शिल्प बाजार’ का भव्य आयोजन ह्यूमन सोशल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा किया जा रहा है। यह अनूठा बाजार देशभर के हस्तशिल्पियों को एक मंच प्रदान कर रहा है, जहाँ वे अपनी अद्भुत कलाकृतियों का प्रदर्शन और बिक्री कर रहे हैं।

कब तक चलेगा यह खास आयोजन?
यह शिल्प बाजार दिनांक 17 नवंबर 2025 से शुरू होकर 25 नवंबर 2025 तक चलेगा।
समय: प्रतिदिन प्रातः 11:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक।
स्थान: क्वीन इंप्रेस मेरी लाइब्रेरी के निकट, नंद प्लाजा, सदर बाजार, आगरा।
देश के कोने-कोने से पधारे शिल्पी

गांधी शिल्प बाजार की सबसे बड़ी खासियत यहाँ मौजूद हस्तशिल्प उत्पादों की विविधता है। इस बाजार में पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, असम, महाराष्ट्र, नॉर्थ ईस्ट के राज्य, जम्मू एवं कश्मीर, उत्तराखंड, दिल्ली और अन्य राज्यों से आए शिल्पी शामिल हो रहे हैं। यह बाजार ‘विविधता में एकता’ की भावना को साकार करता है।
आकर्षण का मुख्य केंद्र आदिवासी हस्तशिल्प

इस आयोजन का मुख्य आकर्षण केंद्र आदिवासियों द्वारा बनाए गए पारंपरिक और अद्वितीय हस्तशिल्प उत्पाद हैं। ये उत्पाद न केवल कला के बेहतरीन नमूने हैं, बल्कि देश की समृद्ध जनजातीय संस्कृति और विरासत को भी दर्शाते हैं। आगरा के निवासियों के लिए यह मौका है कि वे इन दुर्लभ कलाओं को करीब से देख सकें और खरीदकर कारीगरों को सीधे प्रोत्साहित कर सकें।
आयोजन का मुख्य उद्देश्य

इस ‘गांधी शिल्प बाजार’ का आयोजन केवल बिक्री के लिए नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उद्देश्य छिपा है:
* भारतीय धरोहर का संरक्षण: देश की अमूल्य धरोहर भारतीय हस्तशिल्प को बचाना और इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करना।
* शिल्पियों का प्रोत्साहन: विभिन्न राज्यों से आए हस्तशिल्पियों को एक बड़ा बाजार उपलब्ध कराना ताकि वे अपनी कला को व्यावसायिक रूप से सफल बना सकें।
* हस्तशिल्प को बढ़ावा: देश के हस्तशिल्प उत्पादों की मांग और लोकप्रियता को बढ़ाकर उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना।
सांस्कृतिक कार्यक्रम से सजेगी शाम
खरीदारी के अनुभव को और भी यादगार बनाने के लिए, आयोजन स्थल पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है। ये कार्यक्रम भारतीय लोक कलाओं और संस्कृति की झलक पेश करेंगे, जिससे आगंतुकों को मनोरंजन के साथ-साथ देश की सांस्कृतिक समृद्धि का अनुभव भी मिलेगा।
आगरा के लोगों से अपील है कि वे इस 9 दिवसीय विशेष आयोजन में आएं, इन मेहनती कारीगरों को समर्थन दें और भारतीय कला के इस उत्सव का हिस्सा बनें।


