गौ आधारित खेती किसानों के लिए वरदान: बोले गौ सेवा आयोग अध्यक्ष श्याम विहार गर्ग

Rajesh kumar
3 Min Read
गौ आधारित खेती किसानों के लिए वरदान: बोले गौ सेवा आयोग अध्यक्ष श्याम विहार गर्ग

आगरा: उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम विहार गर्ग ने बुधवार को आगरा सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए प्रदेश में गौ आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए आयोग की विस्तृत योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि गौ आधारित प्राकृतिक खेती किसानों के लिए एक वरदान साबित होगी।

श्याम विहार गर्ग ने बताया कि आयोग का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के हर जिले में स्थित गौशालाओं को प्राकृतिक खेती के प्रशिक्षण केंद्रों के रूप में विकसित करना है। इन केंद्रों पर किसानों को गौ आधारित खेती की आधुनिक तकनीकों और लाभों के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे वे रासायनिक खेती पर अपनी निर्भरता कम कर सकें।

उन्होंने जोर देकर कहा कि गौ आधारित खेती अपनाने से किसानों की उत्पादन लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी, क्योंकि इसमें महंगे रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों की आवश्यकता नहीं होती है। इसके साथ ही, इस पद्धति से उत्पादित फसल की गुणवत्ता भी रासायनिक खेती की तुलना में कहीं अधिक बेहतर होगी, जिससे किसानों को बाजार में अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिल सकेगा। आयोग का लक्ष्य है कि प्रदेश के अधिक से अधिक किसान इस लाभकारी मॉडल को अपनाएं और हानिकारक रासायनिक खेती से मुक्ति पाएं।

गर्ग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस महत्वपूर्ण पहल का भी उल्लेख किया, जिसके तहत देश के एक करोड़ किसानों के साथ गौ आधारित प्राकृतिक खेती की शुरुआत की गई है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 20 लाख से अधिक किसान इस दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जो इस कृषि पद्धति की लोकप्रियता और किसानों के बीच इसके बढ़ते आकर्षण को दर्शाती है।

आगरा मंडल की सभी गौशालाओं का निरीक्षण करने की योजना के बारे में बताते हुए गर्ग ने कहा कि आयोग जल्द ही एक व्यापक निरीक्षण अभियान चलाएगा। इस दौरान यह देखा जाएगा कि कौन-कौन सी गौशालाएं प्राकृतिक खेती के प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित होने के लिए उपयुक्त हैं और किन गौशालाओं में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि किसी गौशाला में कोई कमी पाई जाती है, तो आयोग उसकी गहन समीक्षा करेगा और आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाएगा।

गौ आधारित खेती के लाभों पर प्रकाश डालते हुए श्याम विहार गर्ग ने बताया कि गोबर, गोमूत्र और अन्य गौ उत्पादों का उपयोग जैविक खाद, प्रभावी कीटनाशक और आवश्यक पोषण तत्वों के रूप में कुशलतापूर्वक किया जा सकता है। इससे किसानों को महंगे रासायनिक उत्पादों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और वे प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग करके टिकाऊ खेती कर सकेंगे।

Share This Article
Leave a comment