मृत गौवंशों की आंखों को नोंच रहे जानवर
परिसर में भीषण गंदगी और अव्यवस्थाओं का अंबार
आगरा (कागारौल): गौ संरक्षण के लिए अग्रणी भूमिका निभाने का दावा करने वाली योगी सरकार में गौशालाओं की दुर्दशा थमने का नाम नहीं ले रही है। सरकार से आर्थिक मदद मिलने के बावजूद गौवंशों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है।
बताया जाता है कि जनपद के ब्लॉक खेरागढ़ अंतर्गत गांव चीत की गौशाला अक्सर चर्चाओं में बनी रहती है। कई बार यहां की दुर्दशा उजागर हो चुकी है। बीते शनिवार रात क्षेत्रीय ग्रामीणों की सूचना पर किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने प्रतिनिधिमंडल के साथ गौशाला का दौरा किया। वहां की स्थिति देखकर सभी स्तब्ध रह गए। भीषण गंदगी और दुर्गंध के बीच गौवंश इधर-उधर भटक रहे थे। उनके खाने के लिए चारे की कोई व्यवस्था नहीं थी। गौशाला परिसर में ही छह मृत गौवंश पड़े थे, जिनमें एक बछड़ा भी शामिल था।किसान नेता द्वारा अव्यवस्थाओं के बारे में पूछने पर गौशाला का स्टाफ कोई जानकारी देने से कतराने लगा। श्याम सिंह चाहर के अनुसार, गौशाला का स्टाफ शराब के नशे में धुत था। मौके पर ही सीवीओ (मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी) को सूचना दी गई।
मृत गौवंशों को नहीं मिला अंतिम संस्कार
किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने कहा कि गाय को हमारे धर्म में माता का दर्जा प्राप्त है और उत्तर प्रदेश सरकार इसके संरक्षण के प्रति प्रयासरत है। इसके बावजूद गौशालाओं में गौवंशों की स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। चीत की गौशाला में भूख से गौवंशों की लगातार मौतें हो रही हैं। मरने के बाद उनका अंतिम संस्कार तक नहीं किया जा रहा। मृत गौवंशों की आंखों को अन्य जानवर नोंचकर खा रहे हैं, जो समाज के लिए बेहद शर्मनाक स्थिति है।किसान नेता ने आरोप लगाया कि पशुपालन विभाग भ्रष्टाचार में लिप्त है। यह स्थिति तब है जब एक दिन पहले ही विभागीय मंत्री ने जनपद में योजनाओं और कार्यों की समीक्षा की थी।
सीवीओ का फोन नहीं हुआ रिसीव
इस मामले में सीवीओ आगरा का पक्ष जानने के लिए उन्हें कई बार फोन किया गया, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।