घिरोर/मैनपुरी: विकास खंड घिरोर क्षेत्र के गांव कंजाहार में आयोजित पाल समाज की श्रीमद् भागवत महापुराण के दूसरे दिन, मंगलवार को कथा व्यास अरविंद गिरि महाराज ने अमर कथा और शुकदेव जी के जन्म की कथा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया।
कथा की शुरुआत करते हुए अरविंद गिरि महाराज ने कहा कि श्रोताओं पर ठाकुर जी की असीम कृपा है, जिसके कारण वे आज इस पवित्र कथा का आनंद ले पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का रसपान उन्हीं को नसीब होता है जिन पर गोविंद की कृपा होती है और जिसे जितना प्रदान किया जाता है, उसे उतना ही मिलता है।
महाराज जी ने आगे कहा कि यदि कोई भागवत कथा सुनकर कुछ प्राप्त करना चाहता है, कुछ सीखना चाहता है, तो उसे कथा में एक प्यासे की तरह आना चाहिए, सीखने और पाने के उद्देश्य से। ऐसा करने पर यह भागवत कथा निश्चित रूप से उसे कुछ नहीं, बल्कि बहुत कुछ प्रदान करेगी।
उन्होंने मनुष्य जीवन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सांसारिक भोगों में लिप्त रहने के लिए नहीं, बल्कि कृष्ण भक्ति में बिताने के लिए मिला है। आज का मानव भगवान की भक्ति को छोड़कर सांसारिक विषयों को भोगने में लगा हुआ है और उसका सारा ध्यान इन्हीं क्षणभंगुर सुखों की ओर केंद्रित है। जबकि मानव जीवन का वास्तविक उद्देश्य कृष्ण की प्राप्ति है, जो शाश्वत और परम आनंद है।
अरविंद गिरि महाराज ने दृढ़ता से कहा कि हमारे जीवन का एकमात्र उद्देश्य कृष्ण को प्राप्त करके ही इस संसार से विदा लेना होना चाहिए। यदि हम यह दृढ़ संकल्प कर लें कि हमें अपने जीवन में कृष्ण को पाना ही है, तो प्रभु से बढ़कर कोई और सुख, संपत्ति या सम्पदा हमारे लिए नहीं है।
इस भक्तिमय अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे, जिनमें संजय पाल, आलोक पाल, उपेन्द्र पाल, पुरूषोतम नारायण, राघवेन्द्र पाल, धर्मेन्द्र पाल, अरविन्द पाल, योगेन्द्र पाल, घनश्याम पाल, विनोद पाल, नगेन्द्र कुमार, सुखेन्द्र पाल, गोविन्द पाल, राजेन्द्र पाल, बेचैलाल, रवी पाल, जयचंद्र पाल, स्नेह कुमारी, सुषमा देवी, कुशमा देवी, विमला देवी, राधा पाल, नीलम पाल, रूबी पाल, सुमन पाल, सरोज देवी और अनेक अन्य भक्त शामिल थे, जो प्रभु के भजनों में लीन होकर आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति कर रहे थे।
