दिव्यांगजनों के लिए खुशखबरी! अपनी दुकान खोलने या किराए पर लेने के लिए सरकार दे रही आर्थिक मदद – ऐसे उठाएं लाभ

Rajesh kumar
5 Min Read
दिव्यांगजनों के लिए खुशखबरी! अपनी दुकान खोलने या किराए पर लेने के लिए सरकार दे रही आर्थिक मदद – ऐसे उठाएं लाभ

आगरा: क्या आप दिव्यांग हैं और अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, लेकिन आर्थिक मदद की कमी आड़े आ रही है? तो यह खबर आपके लिए है! जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी श्रीमती ज्ञान देवी ने आगरा जनपद के समस्त दिव्यांगजनों को सूचित किया है कि उत्तर प्रदेश सरकार के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा ‘दुकान निर्माण योजना’ चलाई जा रही है, जिसके तहत पात्र लाभार्थियों को दुकान बनाने या किराए पर लेने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।

क्या है ‘दुकान निर्माण योजना’?

यह योजना दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें रोज़गार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस योजना के तहत दो तरह से आर्थिक मदद मिलती है:

  1. दुकान बनाने या खरीदने के लिए:
    • अगर आप अपनी दुकान बनाना या खरीदना चाहते हैं, तो आपको ₹20,000/- की सहायता मिलेगी।
    • इसमें से ₹15,000/- आपको 4% साधारण ब्याज की दर पर ऋण (लोन) के रूप में मिलेंगे।
    • बाकी ₹5,000/- अनुदान (सब्सिडी) के रूप में दिए जाएंगे, जिन्हें वापस नहीं करना होगा।
  2. दुकान किराए पर लेने या खोखा/गुमटी/हाथ ठेला लगाने के लिए:
    • अगर आप कम से कम पाँच साल के लिए दुकान किराए पर लेना चाहते हैं या खोखा, गुमटी, हाथ ठेला लगाना चाहते हैं, तो आपको ₹7,500/- की सहायता मिलेगी।
    • इसमें से ₹5,000/- आपको 4% साधारण ब्याज की दर पर ऋण (लोन) के रूप में मिलेंगे।
    • बाकी ₹2,500/- अनुदान (सब्सिडी) के रूप में दिए जाएंगे।
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योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता की शर्तें क्या हैं?

श्रीमती ज्ञान देवी ने बताया कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ ज़रूरी शर्तें हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • दिव्यांगता: आवेदक कम से कम 40% या उससे अधिक दिव्यांगता से प्रभावित हो।
  • मूल निवास: आवेदक उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हो।
  • आय सीमा: आवेदक की वार्षिक आय सरकार द्वारा गरीबी रेखा के लिए निर्धारित आय सीमा के दोगुने से अधिक न हो।
  • आयु सीमा: आवेदक की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक हो, लेकिन 60 वर्ष से अधिक न हो।
  • आपराधिक रिकॉर्ड: आवेदक किसी आपराधिक या आर्थिक मामलों में सज़ा न पाया हो और उसके खिलाफ किसी प्रकार की सरकारी धनराशि देय न हो।
  • भूमि की उपलब्धता (दुकान निर्माण के लिए):
    • दुकान बनाने के लिए आवेदक के पास स्वयं की कम से कम 110 वर्ग फीट भूमि हो, या वह अपने साधनों से इतनी भूमि खरीदने में सक्षम हो।
    • या फिर, आवेदक स्थानीय निकाय/उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद/विकास प्राधिकरण/प्राइवेट बिल्डर्स या एजेंसियों से निर्मित दुकान खरीदने की क्षमता रखता हो। (ध्यान दें: दुकान का क्रय किसी पारिवारिक सदस्य के नाम से मान्य नहीं होगा।)
  • किराए पर दुकान के लिए: आवेदक के पास कम से कम पाँच वर्ष की अवधि का किरायेदारी का पट्टा हो (किराया और कार्यशील पूंजी के लिए)।
  • खोखा/गुमटी/हाथ ठेला के लिए: आवेदक द्वारा गारंटी/बंधक उपलब्ध कराया जाए (खोखा/गुमटी/हाथ ठेला लगाने और कार्यशील पूंजी के लिए)।
  • प्रशिक्षण को वरीयता: ऐसे दिव्यांग व्यक्ति, जिन्होंने विभाग द्वारा संचालित कार्यशाला से प्रशिक्षण प्राप्त किया हो, या आईटीआई/पॉलिटेक्निक या किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से किसी व्यवसाय में प्रशिक्षण/डिप्लोमा प्रमाण पत्र धारी हों और उसी क्षेत्र में व्यवसाय करना चाहते हों, उन्हें वरीयता दी जाएगी।
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आवेदन कैसे करें?

यदि आप इस योजना के तहत दुकान निर्माण या दुकान संचालन के लिए ऋण प्राप्त करने के इच्छुक हैं, तो आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा:

  1. विभागीय वेबसाइट http://divyangjandukan.upsdc.gov.in पर जाएं।
  2. आवेदन पत्र ऑनलाइन भरें।
  3. ऑनलाइन आवेदन करने के बाद, भरे हुए आवेदन पत्र की हार्ड कॉपी (प्रिंटआउट) निकालें।
  4. हार्ड कॉपी को विकास भवन, आगरा में स्थित जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी, आगरा के कार्यालय में जमा करें।

यह योजना दिव्यांगजनों के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सभी पात्र दिव्यांगजनों से आग्रह है कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और अपना व्यवसाय शुरू करें।

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