निगम का निजीकरण रोक, कर्मियों के नियमितीकरण पर ध्यान दे सरकार; रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद का प्रदर्शन

Roadways Privatization Protest: Employees in Mathura Submit 16-Point Memorandum Urging Government for Regularization

Komal Solanki
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मथुरा डिपो के वर्कशाप में आयोजित धरने के दौरान रोडवेज कर्मचारी तहसीलदार सदर को ज्ञापन सौंपते हुए।

मथुरा। सरकार द्वारा निगम की बहुमूल्य संपत्तियों और कारोबार को निजी हाथों में सौंपे जाने के खिलाफ रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मथुरा डिपो के वर्कशॉप में जोरदार प्रदर्शन किया। परिषद के नेताओं ने एक 16 सूत्रीय मांगपत्र तहसील सदर के तहसीलदार और एआरएम को सौंपते हुए चेतावनी दी कि अगर जिला प्रशासन और रोडवेज प्रबंधन उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं करते हैं तो कर्मचारी सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

मांगपत्र में मुख्य बिंदु

रोडवेज कर्मचारी परिषद के शाखा अध्यक्ष केके शर्मा के नेतृत्व में आयोजित इस प्रदर्शन में परिषद ने 16 सूत्रीय मांग पत्र प्रस्तुत किया। शाखा मंत्री नेपाल सिंह ने कहा कि राष्ट्रीयकृत मार्गों पर अवैध संचालन और डग्गामारी पर प्रभावी रोक लगाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, निगम के बस अड्डों के एक किलोमीटर की परिधि से निजी बसों और चार पहिया वाहनों के अवैध संचालन पर प्रतिबंध लगाया जाए और शासनादेशों का पालन सुनिश्चित किया जाए।

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इलेक्ट्रिक बसों को निगम के बस बेड़े में शामिल करने के साथ ही नगर बस सेवाओं की तरह उनके संचालन में होने वाले व्यय और आमदनी के अंतर को राज्य सरकार द्वारा वहन करने की भी मांग की गई। परिषद ने यह भी सुझाव दिया कि निगम और निजी बसों के लिए निर्धारित यात्रीकर की दरों में विद्यमान असमानता को समाप्त किया जाए।

कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग

मुख्य मांगों में से एक यह थी कि 31 दिसंबर 2001 तक नियुक्त संविदा चालकों, परिचालकों और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाए। इस मुद्दे पर कर्मशाला शाखा के अध्यक्ष बदन सिंह, शाखा मंत्री पीयुष वर्मा, आगरा क्षेत्र के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल कुमार लवानियां और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिला अध्यक्ष सतीश गौतम ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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कर्मियों का गुस्सा और राज्य सरकार से अपील

परिषद के नेताओं ने कहा कि निगम का निजीकरण रोकने के साथ ही कर्मचारियों के नियमितीकरण पर ध्यान देना सरकार की जिम्मेदारी है। अगर इन मुद्दों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई तो कर्मचारी आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। परिषद के नेताओं ने जिला प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की अपील की और चेतावनी दी कि अगर इन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन की राह चुनी जाएगी।

धरने में शामिल प्रमुख नेता और सदस्य

धरने में कई प्रमुख पदाधिकारी और सदस्य शामिल हुए, जिनमें शशी शर्मा, कमलेश कुमारी, विजयपाल सिंह, सत्यवीर सिंह, नारायण सिंह, राकेश गोयल, राकेश बाबू, लक्ष्मीकान्त गुप्ता, राजकुमार, नरेन्द्र शर्मा, तेजवीर सिंह, राजीव चौधरी, प्रेमपाल सिंह, गुलाब सिंह, सूरजपाल सिंह, प्रियाशरण, डिगम्बर सिंह, होशियार सिंह, महेश, महेन्द्र सिंह, राधेश्याम त्यागी, भूपेन्द्र, धर्मवीर, नासिर, महेन्द्र सिंह, विनोद, कपिल शर्मा आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।

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निगम का निजीकरण रोकने और कर्मियों के हक के लिए परिषद की लड़ाई जारी

रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद का यह प्रदर्शन न केवल निगम के निजीकरण के खिलाफ था, बल्कि यह कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए भी एक मजबूत संदेश था। परिषद का कहना है कि जब तक कर्मचारियों के नियमितीकरण और निगम के निजीकरण पर रोक नहीं लगाई जाती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।

 

 

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