वृंदावन कॉरिडोर का भव्य सपना: बांके बिहारी के दर्शन अब ताजमहल से चार गुना ज़्यादा, भीड़ प्रबंधन और सुविधाओं का नया युग!

Komal Solanki
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प्रस्तावित ठाकुर बांकेबिहारी कॉरिडोर।

मथुरा, उत्तर प्रदेश: वृंदावन में प्रस्तावित बांके बिहारी जी कॉरिडोर के अस्तित्व में आने के बाद, मथुरा को धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में एक नई पहचान मिलेगी। उम्मीद है कि इस कॉरिडोर के निर्माण के बाद प्रतिदिन 1.6 लाख लोग श्री बांके बिहारी जी के दर्शन कर सकेंगे, जो कि ताजमहल देखने वालों की संख्या से भी चार गुना अधिक होगी। वर्तमान में औसतन 15 से 20 हजार श्रद्धालु ही श्री बांके बिहारी जी के दर्शन कर पाते हैं, जिससे मंदिर के आसपास भारी भीड़ और अव्यवस्था का माहौल रहता है।

उत्तर प्रदेश सरकार की पहल और उद्देश्य

उत्तर प्रदेश सरकार ने वृंदावन में श्री बांके बिहारी जी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए इस बिहारी जी कॉरिडोर को बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए बजट का भी प्रावधान कर दिया गया है। कॉरिडोर के निर्णय को अमलीजामा पहनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा मंदिर न्यास का भी गठन किया गया है, जो इस परियोजना को आगे बढ़ाएगा।

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कॉरिडोर के लाभ और सुविधाओं का विवरण

उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि वृंदावन में बिहारी जी कॉरिडोर बनने के बाद श्री राधा-कृष्ण के भक्तों के साथ-साथ स्थानीय लोगों की अनेक समस्याएं भी स्वतः ही हल हो जाएंगी। कॉरिडोर से मिलने वाले प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:

सुविधाजनक दर्शन: बच्चे, महिलाओं और बुजुर्ग दर्शनार्थियों को दर्शन के लिए विशेष सुविधा मिलेगी।

चिकित्सा और सुरक्षा: भक्तों को कॉरिडोर में बेहतर चिकित्सा और सुरक्षा सेवाएं प्रदान की जाएंगी।

भीड़ प्रबंधन: बिहारी जी कॉरिडोर में एक साथ 10 हजार लोगों की मौजूदगी हो सकेगी, जिससे वृंदावन की संकरी गलियों में भीड़ का दबाव काफी कम हो जाएगा।

प्रतीक्षा क्षेत्र: दर्शन की प्रतीक्षा करने वाले तीन हजार लोगों के बैठने के लिए बेंच भी होंगी, जिससे उन्हें कतार में खड़े रहने की असुविधा से निजात मिलेगी।

बढ़ी हुई दर्शन क्षमता: सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि प्रस्तावित कॉरिडोर का डिज़ाइन इस प्रकार तैयार किया गया है कि सामान्य दिनों में प्रति घंटे 15 हजार लोग और प्रतिदिन 1.2 लाख से 1.6 लाख लोग दर्शन कर सकेंगे।

स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ: वर्तमान में भीड़ के अधिक दबाव के कारण मंदिर के आसपास की व्यावसायिक गतिविधियाँ प्रभावित होती हैं, क्योंकि लोग भीड़ में खरीदारी नहीं कर पाते। कॉरिडोर बनने के बाद गलियों में भीड़ का दबाव कम होगा, जिससे लोग इन दुकानों से खान-पान सहित अन्य खरीदारी का लुत्फ उठा सकेंगे और ब्रज दर्शन का आनंद ले पाएंगे।

वृंदावन वासियों को राहत: भीड़ के चलते होने वाली असुविधाओं से वृंदावन वासियों को भी निजात मिलेगी। दर्शन के लिए लाइन में लगे लोग फिर सड़क पर नहीं, बल्कि कॉरिडोर की आरामदायक व्यवस्था में होंगे, जिससे सड़कों पर स्थानीय लोगों की आवाजाही आसान हो जाएगी।

प्रभावित दुकानदारों का पुनर्वास: श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि कॉरिडोर में प्रभावित सभी दुकानदारों को वैकल्पिक दुकानें दी जाएंगी, जिससे उनकी आजीविका पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।

 

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