विनोद गौतम
आगरा। भोर की किरणों के साथ प्रभु नाम की हो रही बरखा में लीन हुई संगत। यह नजारा था सुखमनी सेवा सभा द्वारा आयोजित श्री गुरु हरिकिशन साहिब आठवें गुरु के प्रकाश पर्व को समर्पित कीर्तन दरबार का जो सिक्ख समाज की केंद्रीय संस्था श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा माईथान में तत्वावधान में गुरुद्वारा माईथान पर।
सर्वप्रथम सुखमनी सेवा सभा की प्यारी बच्चियों ने सुखमनी साहिब के पाठ सिमरन व शब्द कीर्तन करके समूह संगत का मन मोह लिया। उसके बाद भाई हरजिंदर सिंह ने पावन शब्द कर किरपा अपनी भक्ति लाए का गायन कर सभी को भक्ति रस में डुबो दिया। उसके उपरांत सभा के प्यारे वीर महेंद्र पाल सिंह जी ने अपनी मधुर वाणी से सभी का मन मोह लिया। उन्होंने भूले मारग जिन्हें बताया ऐसा गुर वडभागी पाया शब्द का गायन कर सभी का मन मोह लिया। उन्होंने बताया गुरु जोत होती है और जिस शरीर के ऊपर बक्शीश हो उसी में यह जोत समा जाती हैं।
गुरु हरकिशन साहिब की आयु बेशक छोटी थी लेकिन उनके ऊपर बक्शीश बहुत बड़ी थी।तभी गुरु नानक की जोत उनमें समा गई और वह गुरु नानक की गद्दी के मालिक बने। छोटी आयु में ही उन्होंने हजारों लोगों के दुख दर्द दूर किये और सबको सच्चे नाम के साथ जोड़ा। तभी उनकी उपमा में श्री गुरु गोविंद सिंह ने कहा है श्री हरकिशन ध्याइयै जिस डीठे सब दुख जाए। कार्यक्रम की समाप्ति पर निशान साहिब की सेवा की गई सारी संगत ने मिलकर निशान साहिब की सेवा में हिस्सा लिया। तत्पश्चात ज्ञानी कुलविंदर सिंह ने सभी के भले के लिए अरदास की व प्रसाद का वितरण हुआ । उसके उपरांत सामूहिक लंगर में सभी लोगों ने बैठकर एक साथ गुरु का लंगर ग्रहण किया।
सुखमनी सेवा सभा के भाई गुरमीत सिंह सेठी ने मंच का संचालन किया। इस अवसर पर सुरेंद्र सिंह सलूजा संजय जट्टाना, समन्वयक बंटी ग्रोवर, सतीश सिंह अरोड़ा, पाली सेठी, शन्ती आनंद, गुरमुख व्यानी विकास बयानी, हरजिंदर सिंह आदि व्यक्तियों की उपस्थिति रही।श्री गुरु सिंह सभा माईथान के प्रधान सरदार कवलदीप सिंह ने सभी का आभार जताया।
