प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर शिवलिंग को छोड़कर वजूखाना क्षेत्र के सर्वे को लेकर दाखिल की गई पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई से इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम ने खुद को अलग कर लिया है। अब इस मामले की सुनवाई 31 जनवरी को होगी।
शृंगार गौरी पूजा मुकदमे में वादियो में से एक राखी सिंह की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की गई पुनरीक्षण याचिका में कहा गया था कि शिवलिंग को छोड़कर वजूखाना क्षेत्र का सर्वेक्षण विवादित संपत्ति के धार्मिक चरित्र का पता लगाने के लिए आवश्यक है। इसलिए वहां के सर्वे के लिए एएसआई को निर्देशित किया जाए।
वाराणसी के जिला जज द्वारा 21 अक्टूबर के आदेश को चुनौती देने वाली राखी सिंह की इस पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई 31 जनवरी को होगी। लेकिन मामले की सुनवाई से जुड़े इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम ने उससे पहले ही आज खुद को सुनवाई से अलग कर लिया है।
न्यायमूर्ति निगम ने कहा कि इस मामले में उनकी पत्नी भी एक वकील हैं। इसलिए वे इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर रहे हैं।
गौरतलब है कि वाराणसी की अदालत ने पिछले साल की 21 अक्टूबर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वजू खाना क्षेत्र का सर्वेक्षण करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया था।