आगरा: आगरा के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कोर्ट में राणा सांगा केस को जिला जज आगरा के आदेश पर पुनः प्रकीर्ण वाद में दर्ज कर लिया गया है। इस मामले की सुनवाई की अगली तिथि 11 जुलाई, 2025 नियत की गई है।
क्या है राणा सांगा केस?
वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने 24 मार्च, 2025 को सपा सांसद रामजीलाल सुमन द्वारा यह दावा किए जाने पर कि बाबर को भारत पर आक्रमण करने के लिए राणा सांगा ने बुलाया था, एक सिविल केस दायर किया था। इस केस में न्यायालय से यह मांग की गई थी कि बाबर को भारत पर आक्रमण करने के लिए दौलत खान लोदी ने बुलाया था, न कि राणा सांगा ने। इसके साथ ही, यह भी प्रार्थना की गई थी कि 17 मार्च, 1527 को बाबर और राणा सांगा के बीच निर्णायक युद्ध सीकरी किले पर हुआ था, न कि खानवा में।
पहले खारिज हुआ था मामला, जिला जज ने दिए पुनः सुनवाई के आदेश
इस मामले को 10 अप्रैल, 2025 को सिविल जज कोर्ट ने केस की पोषणीयता (maintainability) पर सुनवाई करते हुए खारिज कर दिया था। इस आदेश के विरुद्ध, वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने 9 मई, 2025 को जिला जज न्यायालय में रिवीजन दायर किया था।
जिला जज न्यायालय में 9 मई और 13 मई, 2025 को इस रिवीजन पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान, जिला जज न्यायालय ने अवर न्यायालय (निचली अदालत) के आदेश में खामियां पाईं। इसके बाद, जिला जज ने अवर न्यायालय को केस के प्रेक्षणों (observations) और बिंदुओं को बताते हुए पक्षकारों के अधिवक्ताओं को पुनः सुनकर विधिसम्मत आदेश पारित करने का निर्देश दिया।
इसी आदेश के अनुपालन में, आज (16 मई, 2025) इस केस को पुनः दर्ज कर लिया गया है और सुनवाई के लिए 11 जुलाई, 2025 की तारीख तय की गई है।
इस महत्वपूर्ण सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर, नरेश सिकरवार, एस. पी. सिंह सिकरवार और राहुल सोलंकी न्यायालय में उपस्थित रहे। यह मामला इतिहास के तथ्यों और उनकी सार्वजनिक प्रस्तुति से जुड़ा होने के कारण काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।