घिरोर, मैनपुरी: क्षेत्र के गाँव कंजाहार में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पाँचवें दिन कथा व्यास अरविन्द गिरी महाराज ने भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की अद्भुत बाल लीलाओं का वर्णन सुनाया, जिसे सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए।
पूतना वध से गोवर्धन लीला तक का वर्णन
महाराज अरविन्द गिरी ने कथा का आरंभ भगवान कृष्ण के जन्म के बाद कंस द्वारा उन्हें मारने के लिए भेजी गई राक्षसी पूतना के प्रसंग से किया। उन्होंने बताया कि कैसे पूतना वेश बदलकर श्रीकृष्ण को जहरीला दूध पिलाने का प्रयास करती है, लेकिन भगवान उसे मौत के घाट उतार देते हैं।
इसके बाद उन्होंने कार्तिक माह में ब्रजवासियों द्वारा भगवान इंद्र को प्रसन्न करने के लिए की जाने वाली पूजन की तैयारी का वर्णन किया। महाराज ने बताया कि कैसे भगवान कृष्ण ने ब्रजवासियों को इंद्र की पूजा करने से मना किया और गोवर्धन महाराज की पूजा करने की बात कही। इससे क्रोधित होकर इंद्र ने भारी वर्षा की, जिससे समस्त ब्रजवासी परेशान हो गए।
भगवान श्रीकृष्ण ने तब अपनी कनिष्ठा अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर पूरे नगरवासियों को उसके नीचे बुला लिया, जिससे हारकर इंद्र ने एक सप्ताह के बाद वर्षा बंद कर दी। इसके बाद पूरे ब्रज में भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन महाराज के जयकारे लगने लगे।
छप्पन भोग और भजन संध्या का आयोजन
कथा के उपरांत भगवान को छप्पन भोग लगाया गया। इस अवसर पर वृंदावन धाम से पधारीं प्राची किशोरी ने मधुर भजन गाकर श्रोताओं को भक्तिभाव में सराबोर कर दिया।
इस धार्मिक आयोजन में परीक्षित मुनीम पाल, डॉ. सतेन्द्र पाल, राघवेन्द्र पाल, अरविन्द पाल, उपेन्द्र पाल, पंजाब सिंह यादव, बलवीर सिंह यादव, प्यारे लाल, सिपाही राम, रमन कांत पाल, बृजकिशोर यादव, संजेश कुमार यादव, राम किशोर यादव, जय किशोर यादव, मुकेश यादव, संदीप यादव, सतीश पाल, घनश्याम पाल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। यह कथा समाज में धार्मिक चेतना और भक्तिभाव को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है।