रेलवे स्टेशनों पर हृदयाघात नही होगा जानलेवा

admin
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वाणिज्य विभाग के फ्रेंट लाइन 30 कर्मचारियों को दिया गया सीपीआर का प्रशिक्षण

द्वितीय चरण में 300 कर्मचारियों को यह प्रशिक्षण दिया जायेगा

आगरा। उत्तर मध्य रेलवे के अंतर्गत आगरा मंडल में वाणिज्य विभाग के फ्रेंट लाइन कर्मचारियों को आपातकालीन प्राथमिक सहायता (सीपीआर ) का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिससे अब रेलवे स्टेशनों पर हृदयाघात जानलेवा नहीं हो पाएगा।

मंडल रेल प्रबंधक आगरा तेज प्रकाश अग्रवाल के मार्ग दर्शन में तथा वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अमन वर्मा के दिशा -निर्देशन में आगरा मंडल के गोवर्धन सभा कक्ष में राज्य प्रशिक्षण आयुक्त स्काउट और सेंट जॉन्स एम्बुलेंस ब्रिगेड के प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षक हेमेन्द्र कुमार मौर्य द्वारा आपातकालीन प्राथमिक सहायता (सीपीआर) का प्रशिक्षण 30 कर्मचारियों दिया गया है।

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मंडल रेल प्रबंधक आगरा तेज प्रकाश अग्रवाल ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य फ्रंट लाइन स्टाफ कार्य के दौरान यात्रियों को कार्डियक अरेस्ट यानि कि हृदय गति रूक जाने पर तत्काल चिकित्सा सहायता देने के बारे में जागरूकता बढ़ाना है । एक्सीडेंट या और कोई वजह से हृदय की गति रुक जाती है, सांस रुक जाती है तो उस प्लेटिनम पीरियड में यह तकनीक बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। इससे इंसान की जान बचने की संभावना बनी रहती है। सीपीआर प्रशिक्षण एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रोग्राम है। इसके लिए आपको सही तकनीक पता होना जरूरी है।

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इस प्रशिक्षण के दौरान प्राथमिक साहयता के सुनहरे नियम -जल्द से जल्द दुर्घटना स्थल पर पहुँचे, अनावश्यक प्रश्न पूछकर समय बर्बाद न करें, चोट का कारण जल्दी से पता करें, चोट लगने वाली वस्तु को रोगी से अलग करें, जैसे गिरने वाली मशीनरी, आग, बिजली का तार, जहरीले कीड़े, या कोई अन्य वस्तु, पता लगाएँ कि क्या मरीज मर चुका है, जीवित या बेहोश है, प्राथमिक उपचार उपायों की प्राथमिकता निर्धारित करें, उस क्रम में कार्डियक फंक्शन को ठीक करना, सांस लेने में मदद करना, चोट लगने की जगह से खून बहना बंद करें, जल्दी से जल्दी चिकित्सा सहायता की व्यवस्था करें, रोगी का रिकॉर्ड और घटना का विवरण रखें जहां तक संभव हो मरीज को गर्म और आरामदायक रखें,तथा यदि रोगी होश में है, तो उसे आश्वस्त करें ।

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इसका उद्देश्य चोटग्रस्त व्यक्ति को सम्यक इलाज कराने की स्थिति में लाने में लगने वाले समय में कम से कम नुकसान हो। किसी व्यक्ति के बेहोश होने, या दिल की धड़कन बंद हो गई हो या पल्स नहीं चल रहा हो, तो ऐसी स्थिति में सीपीआर की मदद से पेशेंट को सांस लेने में सहायता की जाती है। जिससे सीपीआर देने के दौरान हार्ट और ब्रेन में ब्लड सर्क्युलेशन में सहायता मिलती है।

इस अवसर पर वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अमन वर्मा , सहायक वाणिज्य प्रबंधक प्रथम वीरेंद्र सिंह एवं फ्रंट लाइन वाणिज्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

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