आगरा: उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (UPSDMA) द्वारा लखनऊ स्थित जल एवं भूमि संस्थान में हीट वेव प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य हीट वेव (गर्मी की लहर) न्यूनीकरण के उपायों पर चर्चा करना और राज्य के सभी जनपदों में पिछले वर्ष किए गए प्रयासों का मूल्यांकन करना था। कार्यशाला में विशेषज्ञों और अधिकारियों ने गर्मी की लहर से निपटने के लिए आवश्यक योजनाओं, नवाचारों और जागरूकता अभियान पर विचार-विमर्श किया।
कार्यशाला में आगरा के प्रयासों की सराहना
गत वर्ष 2024 में उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों ने हीट वेव से निपटने के लिए विशेष कार्ययोजनाएं तैयार की थीं। इन कार्ययोजनाओं का मूल्यांकन करते हुए जनपद आगरा ने उत्कृष्ट कार्य प्रदर्शन किया। आगरा जिले की ओर से जिला आपदा विशेषज्ञ श्री शिवम कुमार ने जनपद में हीट वेव के न्यूनीकरण प्रयासों की प्रस्तुति दी।
श्री कुमार ने बताया कि आगरा में गत वर्षों की तुलना में गर्मी की तीव्रता लगातार बढ़ रही है, और इससे होने वाले दुष्प्रभावों को कम करने के लिए कई नवाचारों, जागरूकता अभियानों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। विशेष रूप से, अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) श्रीमती शुभांगी शुक्ला के नेतृत्व में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने “जीरो टॉलरेन्स, अवॉयडेबल डेथ” नीति पर काम करते हुए इस वर्ष भी गर्मी की लहर से बचाव के लिए तत्परता दिखाई है।
हीट वेव कार्ययोजना-2024 की सफलता
जनपद आगरा ने वर्ष 2024 के लिए एक विशेष हीट वेव कार्ययोजना तैयार की थी, जिसे पूरे जिले में लागू किया गया। कार्ययोजना में गर्मी के दिनों में नागरिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए गए थे। इसके परिणामस्वरूप, आगरा में भीषण गर्मी के दौरान किसी भी अप्रिय घटना का सामना नहीं करना पड़ा।
राज्य स्तर पर आगरा की उपलब्धि
उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और यूनिसेफ के विशेषज्ञों द्वारा किए गए मूल्यांकन में, उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों के कार्यों की समीक्षा की गई। इस मूल्यांकन में, जनपद आगरा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री योगेंद्र ढिमरी द्वारा सम्मानित किया गया। यह उपलब्धि आगरा के नागरिकों और प्रशासन की टीम की मेहनत का परिणाम है, जिन्होंने गर्मी से निपटने के लिए समर्पण और दृढ़ता से काम किया।