शैलेश गौतम ,अग्र भारत संवाददाता
सहाई कांड में 10 दिन तक मुकदमा तक नहीं लिखा
अछनेरा। जनपद आगरा पुलिस कमिश्नरेट के हाईटेक सिस्टम और निगरानी नेटवर्क के बावजूद अछनेरा पुलिस चोरी की घटनाओं पर नियंत्रण स्थापित करने में विफल साबित हो रही है। कुकथला चौकी क्षेत्र में चोर लगातार पुलिस को चुनौती दे रहे हैं। रायभा और सहाई गांव में हुई दो बड़ी चोरी की घटनाओं ने पुलिस की लापरवाही, जांच की कमजोरियों और लीपापोती का पर्दाफाश कर दिया है।रायभा: सीसीटीवी फुटेज के बावजूद चोर बेखौफ, पुलिस खाली हाथ : 13 नवंबर की रात दो से तीन बजे के बीच रायभा में मुख्य सड़क स्थित व्यापारी मनोज गोयल की दुकान का शटर तोड़कर चोर चार से पाँच लाख रुपये की नगदी ले उड़े। पूरी वारदात सीसीटीवी में साफ कैद है। व्यापारी ने फुटेज समेत तहरीर पुलिस को दी।मौके पर पहुंचकर पुलिस ने जांच का दावा जरूर किया, लेकिन दो सप्ताह बीतने के बाद भी पुलिस चोरों का पता नहीं लगा सकी। ग्रामीणों का कहना है कि—“जब वीडियो में चेहरा साफ है, फिर भी पुलिस सुराग न जुटा पाए, तो हाइटेक सिस्टम का क्या फायदा?”सहाई गांव: लाखों के जेवरात चोरी, पुलिस ने 10 दिन तक मुकदमा ही नहीं लिखा : 15 नवंबर को सहाई गांव निवासी जगदीश सिंह के घर से लाखों के आभूषण चोरी हो गए। पीड़ित ने दो लोगों पर संदेह जताते हुए तहरीर दी, मगर थाना पुलिस ने न जांच शुरू की, न मुकदमा लिखा।थककर पीड़ित को एसीपी अछनेरा रामप्रवेश गुप्ता से शिकायत करनी पड़ी, जिसके बाद 10 दिन की देरी से मुकदमा दर्ज हुआ। इस पर ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है।स्थानीयों का सवाल — “कुकथला चौकी पर भरोसा क्यों करें?”लोगों का कहना है कि—“सीसीटीवी फुटेज, नामजद तहरीर और बार-बार शिकायत के बावजूद पुलिस कार्रवाई न करे, तो चोरी कैसे रुकेगी?”अवैध खनन में उलझी पुलिस—चोरी की जांच पिछड़ रही?कुकथला चौकी पुलिस पर क्षेत्र में अवैध खनन को लेकर कथित “एंट्री” और सेटिंग-गेटिंग में व्यस्त रहने के आरोप भी सामने आ रहे हैं। स्थानीय लोगों का दावा है कि रात के हिसाब से दरें तय होती हैं, जिसके बाद खनन वाहनों पर कार्रवाई ठप हो जाती है।ग्रामीणों का कहना है कि जब पुलिस की प्राथमिकता अवैध कमाई पर हो, तो चोरी-डकैती जैसे गंभीर अपराधों पर ध्यान कैसे दिया जाएगा?सूत्रों का दावा है कि खनन से जुड़े कुछ लोग सर्किल स्तर तक “मैनेजमेंट” का प्रयास करते देखे गए। एक पुलिस कर्मी का कथित ऑडियो चर्चाओं में है, जिसमें वह कहता सुना गया—“काम करना है तो आकर मिल लो।”यह स्थिति पुलिस की छवि और भरोसेमंद कार्यशैली पर और भी बड़े प्रश्नचिन्ह खड़े कर रही है।
