एटा में हाई स्कूल गणित पेपर लीक, आरोपी केंद्र व्यवस्थापक अब भी फरार

Pradeep Yadav
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जैथरा,एटा: प्रदेश सरकार की सख्ती और नकल विहीन परीक्षा के तमाम दावों के बावजूद एटा जनपद के बी एल इंटर कॉलेज में हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा के गणित विषय का पेपर लीक होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस मामले में केंद्र व्यवस्थापक अंजू यादव को मुख्य आरोपी बनाया गया है, लेकिन घटना के 24 घंटे बीत जाने के बावजूद जैथरा पुलिस अब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी है।

प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार परीक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए लगातार कड़े कदम उठा रही है, लेकिन एटा में इस तरह की घटनाएं उन दावों को ठेंगा दिखा रही हैं। इस मामले ने एक बार फिर यह साबित कर रहा है कि स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग की मिलीभगत के चलते नकल माफिया बेखौफ होकर सक्रिय हैं।

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पहले भी हो चुकी हैं गड़बड़ियां, फिर भी परीक्षा केंद्र बहाल

यह पहला मौका नहीं है जब नगला रेवती स्थित बी एल इंटर कॉलेज विवादों में आया है। वर्ष 2023 में इसी कॉलेज में सामूहिक नकल का सनसनीखेज मामला सामने आया था। उस समय तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक मिथिलेश कुमार ने दो कमरों में चल रही सामूहिक नकल का भंडाफोड़ किया था। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में इस कॉलेज को भविष्य में परीक्षा केंद्र न बनाने की सिफारिश भी की थी।

लेकिन, सूत्रों के अनुसार, धनबल और रसूख के चलते इस विद्यालय को फिर से परीक्षा केंद्र बना दिया गया। प्रशासनिक स्तर पर हुई इस अनदेखी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जब तक पैसों की चमक अधिकारियों की आंखें बंद करती रहेगी, तब तक नकल और पेपर लीक जैसी घटनाएं थमने वाली नहीं हैं।

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लीपापोती में जुटे जिम्मेदार, मीडिया को गुमराह करने की कोशिश

गणित के पेपर लीक मामले में स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग मीडिया से बचने की कोशिश कर रहा है। अधिकारी इस पूरे मामले को छुपाने में लगे हैं, लेकिन पत्रकारिता की पैनी निगाहें सच्चाई को सामने लाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं।

कब होगी आरोपी की गिरफ्तारी?

मामले में केंद्र व्यवस्थापक अंजू यादव के खिलाफ कल नए परीक्षा अधिनियम में मामला दर्ज किया गया है, लेकिन पुलिस की सुस्ती पर भी सवाल उठ रहे हैं। अब देखना यह है कि जैथरा पुलिस इस पर कितनी गंभीरता से कार्रवाई करती है और आरोपी को कब तक गिरफ्तार किया जाता है।

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सरकार का सख्त रवैया और नकल माफियाओं पर शिकंजा कसने की नीति अपने स्थान पर है, लेकिन जब तक जमीनी स्तर पर प्रशासन अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाएगा, तब तक ऐसे मामले सामने आते रहेंगे। जनता की निगाहें अब इस पूरे मामले में पुलिस और शिक्षा विभाग की कार्रवाई पर टिकी हैं।

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