लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब इन कर्मचारियों को हर महीने की 5 तारीख तक उनका वेतन सीधे बैंक खाते में मिलेगा। इस महत्वपूर्ण व्यवस्था को प्रभावी बनाने और पारदर्शिता लाने के लिए योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) के गठन को मंजूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि इस फैसले से न केवल कर्मचारियों के हितों की रक्षा होगी, बल्कि पूरी व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी। साथ ही, जवाबदेही और कर्मचारियों के अधिकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। लखनऊ में अधिकारियों के साथ हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित निगम की कार्यप्रणाली, उसकी संरचना और लक्ष्यों को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए।
क्यों हो रहा है UPCOS का गठन?
सीएम योगी ने बताया कि अब तक एजेंसियों के माध्यम से हो रही आउटसोर्सिंग नियुक्तियों में वेतन कटौती और श्रम अधिकारों की अनदेखी जैसी कई शिकायतें मिल रही थीं। इन समस्याओं को जड़ से खत्म करने और कर्मचारियों के शोषण को रोकने के लिए ही उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) का गठन किया जा रहा है। यह निगम इन शिकायतों को दूर करने और कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री के प्रमुख निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने UPCOS के गठन और उसकी कार्यप्रणाली को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं:
- कंपनी एक्ट के तहत गठन: उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम कंपनी एक्ट के तहत गठित होगा।
- उच्च स्तरीय बोर्ड: इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और एक महानिदेशक की नियुक्ति भी होगी, जो निगम के कामकाज की निगरानी करेंगे।
- निगरानी समितियां: मंडल और जिला स्तर पर निगरानी समितियां बनाई जाएंगी, ताकि जमीनी स्तर पर योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन और निगरानी सुनिश्चित हो सके।
- GEM पोर्टल से एजेंसियों का चयन: आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन जेम पोर्टल (Government e-Marketplace) के माध्यम से न्यूनतम तीन वर्षों के लिए होगा, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।
- अनुभव के आधार पर वेटेज: वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों की सेवाएं बाधित न हों, इसके लिए उन्हें अनुभव के आधार पर वेटेज मिलेगा, जिससे उनकी नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
कर्मचारियों के वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा लाभ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से यह भी कहा कि:
- नियमित वेतन: हर महीने की 5 तारीख तक वेतन सीधे बैंक खाते में जाना चाहिए।
- समय पर जमा होंगे ईपीएफ और ईएसआई: कर्मचारियों के ईपीएफ (Employees’ Provident Fund) और ईएसआई (Employees’ State Insurance) भी समय पर जमा होने की व्यवस्था होनी चाहिए।
- सभी लाभ सुनिश्चित: कर्मचारियों को सभी अनुमन्य बैंकिंग और सामाजिक सुरक्षा लाभ सुनिश्चित किए जाएं।
- एजेंसियों की निगरानी: निगम एजेंसियों की कार्यप्रणाली की कड़ी निगरानी करेगा और किसी भी उल्लंघन पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
आरक्षण का भी होगा पालन और प्राथमिकता
इस प्रस्तावित निगम में होने वाली सभी नियुक्तियों में आरक्षण (Reservation) का पूरी तरह से पालन करने के भी आदेश दिए गए हैं, जिनमें SC, ST, OBC, EWS, महिला, दिव्यांग और पूर्व सैनिक शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, निराश्रित, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने नियमित पदों पर आउटसोर्स नियुक्तियों पर रोक लगाने को भी कहा है, ताकि स्थायी पदों पर नियमित भर्ती को बढ़ावा मिल सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस निर्णय को सामाजिक न्याय, श्रमिक गरिमा और प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ी पहल बताया है। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल कर्मचारियों के जीवन में स्थायित्व और विश्वास लाएगा, बल्कि प्रशासनिक दक्षता को भी नए आयाम देगा। यह फैसला प्रदेश में आउटसोर्सिंग व्यवस्था में एक बड़ा सुधार लाने की उम्मीद है।