ब्रज में सिर चढ़ा होली का खुमार, रमणरेती में रंग बरसे बेशुमार

Komal Solanki
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उदासीन कार्ष्णि रमणरेती आश्रम में स्वरूपों के साथ फूलों की होली खेलते संत।

मथुरा। जैसे ही होली का पर्व पास आता है, ब्रज में इसका खास खुमार हर किसी के सिर चढ़ जाता है। इस बार भी ब्रजवासी और दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु रंगों की इस अद्भुत मस्ती में खो गए। खासकर रमणरेती का आध्यात्मिक वातावरण होली के रंगों से रंगा हुआ था, जहाँ हर गली, मोहल्ले और आश्रम में होली का रंग और उल्लास फैल चुका था।

रमणरेती में आध्यात्मिक होली का अद्भुत दृश्य

गोकुल रमणरेती के उदासीन कार्ष्णि रमणरेती आश्रम में होली का आयोजन सोमवार को हुआ। इस धार्मिक स्थल पर गोपाल जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में भव्य होली खेली गई। आश्रम के पीठाधीश्वर कार्ष्णि गुरुशरणानंद महाराज ने राधाकृष्ण स्वरुपों की आरती उतारकर इस उत्सव की शुरुआत की, और साथ ही भक्तों को इस विशेष दिन की शुभकामनाएं दी।

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गुलाल, फूलों और लड्डू की होली ने मचाया धमाल

रमणरेती में होली का माहौल और भी रंगीन तब हो गया जब गुलाल, फूलों और लड्डू से होली खेली गई। भक्तों ने ठाकुर जी संग गुलाल उड़ा कर मस्ती की। इस अवसर पर रसिया गीतों पर श्रद्धालु झूमते हुए आनंदित हो उठे। राधाकृष्ण स्वरुपों ने ग्वाल वालों के साथ लठमार होली खेली, जहां पीठाधीश्वर ने भी भक्तों के साथ गुलाल की बौछार की।

इसके साथ ही लड्डू होली का आनंद भी लिया गया, जिसमें लड्डू भक्तों को बांटे गए और वे इन मीठे लड्डूओं के साथ होली के रंगों में सराबोर हो गए। विशेष रूप से ग्यारह हजार लीटर पानी में टेसू के रंग घोलकर बनाए गए रंगों से श्रद्धालुओं पर बौछार की गई। भक्तों ने उत्साह के साथ इस रंगीन होली का आनंद लिया, और हर कोई ठाकुर जी के रंग में रंगने के लिए लालायित दिखा।

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संस्कृतिक कार्यक्रमों ने बढ़ाया उत्साह

इस पावन अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। राधे कृष्ण के भव्य रूप और रसिया गीतों ने भक्तों को एक अद्भुत अनुभव प्रदान किया। “आयौ री बिहारी जमुना तट पै”, “बांके बिहारी की बांकी मरोड़ चित लीनौ है चोर”, “राधे अलबेली सरकार भजैं जा राधे राधे”, “होरी खेलन आयो श्याम आज जाए रंग में घोरो रीश” जैसे प्रसिद्ध रसिया गीतों पर श्रद्धालु झूमते हुए नृत्य करते रहे।

इस प्रकार, रमणरेती में होली का यह पर्व न केवल रंगों से भरा हुआ था, बल्कि आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक उत्साह का भी अद्भुत संगम था। इस आयोजन ने न सिर्फ ब्रजवासियों, बल्कि दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं को भी एक दिव्य अनुभव प्रदान किया।

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ब्रज की होली – एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर

ब्रज में होली का आयोजन सदियों से एक विशेष महत्व रखता है, जहां भक्त न केवल रंगों से, बल्कि अपने हृदय से भगवान राधा कृष्ण के साथ होली खेलते हैं। रमणरेती जैसे पवित्र स्थलों पर होली का यह आयोजन हर साल श्रद्धालुओं को एक अद्वितीय अनुभव देता है, जो उन्हें भक्ति और आनंद के बीच के अद्वितीय संतुलन का एहसास कराता है।

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