जैथरा, एटा: नगर पंचायत जैथरा में खोखा/ गुमटी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रशासन की कार्यशैली और ईओ कृष्ण प्रताप सरल के फैसलों ने पीड़ित परिवारों की रोजी-रोटी कमाना कठिन कर दिया है।
हाल ही में आलोक के परिवार का खोखा जबरन हटा दिया गया, जिससे उनकी आजीविका छिन गई। पीड़ित परिवार का आरोप है कि प्रशासन ने उन्हें कोई वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराए बिना उनका रोजगार छीन लिया। उनका कहना है कि ईओ साहब ने शराब के नशे में इस कार्रवाई को अंजाम दिया और यह भी नहीं सोचा कि उनके इस फैसले से परिवार की जीविका कैसे चलेगी।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि रोजगार उपलब्ध कराना प्रशासन का कर्तव्य होना चाहिए, लेकिन ऐसे तानाशाही फैसलों से गरीबों की परेशानियां और बढ़ रही हैं। नगर पंचायत के खोखा विवाद को लेकर गहरा आक्रोश है। लोगों ने मांग की है कि पीड़ित परिवार को तुरंत वैकल्पिक जगह दी जाए ताकि उनकी रोजी-रोटी बहाल हो सके।
वहीं, प्रशासन की ओर से इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है। घटना ने नगर पंचायत की कार्यप्रणाली और ईओ के फैसलों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित परिवार ने न्याय की मांग की है।
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जैथरा, एटा: नगर पंचायत जैथरा में खोखा/ गुमटी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रशासन की कार्यशैली और ईओ कृष्ण प्रताप सरल के फैसलों ने पीड़ित परिवारों की रोजी-रोटी कमाना कठिन कर दिया है।हाल ही में आलोक के परिवार का खोखा जबरन हटा दिया गया, जिससे उनकी आजीविका छिन गई। पीड़ित परिवार का आरोप है कि प्रशासन ने उन्हें कोई वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराए बिना उनका रोजगार छीन लिया। उनका कहना है कि ईओ साहब ने शराब के नशे में इस कार्रवाई को अंजाम दिया और यह भी नहीं सोचा कि उनके इस फैसले से परिवार की जीविका कैसे चलेगी।स्थानीय निवासियों का कहना है कि रोजगार उपलब्ध कराना प्रशासन का कर्तव्य होना चाहिए, लेकिन ऐसे तानाशाही फैसलों से गरीबों की परेशानियां और बढ़ रही हैं। नगर पंचायत के खोखा विवाद को लेकर गहरा आक्रोश है। लोगों ने मांग की है कि पीड़ित परिवार को तुरंत वैकल्पिक जगह दी जाए ताकि उनकी रोजी-रोटी बहाल हो सके।वहीं, प्रशासन की ओर से इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है। घटना ने नगर पंचायत की कार्यप्रणाली और ईओ के फैसलों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित परिवार ने न्याय की मांग की है।