आगरा: फतेहपुर सीकरी के विधायक चौधरी बाबूलाल के पुत्र रामेश्वर चौधरी के कथित रूप से वैश्य समाज के प्रति की गई अमर्यादित टिप्पणी और बिगड़े बोल से समाज के विभिन्न संगठनों में भारी आक्रोश फैल गया है। सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे एक ऑडियो को लेकर यह विवाद खड़ा हुआ है, जिसमें रामेश्वर चौधरी कथित तौर पर एक पेट्रोल पंप संचालक को धमकाते हुए वैश्य समाज के लिए अभद्र शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं।
समाज के संगठनों ने इस बयान की कड़ी निंदा की है और रामेश्वर चौधरी से 24 घंटे के भीतर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है। चेतावनी दी गई है कि यदि माफी नहीं मांगी जाती है, तो उनके खिलाफ मानहानि का दावा सहित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ऑडियो में क्या है आपत्तिजनक?
हालांकि दैनिक अग्रभारत इस प्रसारित ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन संगठनों के अनुसार, ऑडियो में रामेश्वर चौधरी यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि “मैं बनियों को जानता हूं, जो पैसा लेकर वापस नहीं करते।” वैश्य समाज का कहना है कि यह कथन उनकी सामाजिक गरिमा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाता है।
वैश्य समाज की बैठक और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
इस गंभीर मामले पर रणनीति बनाने के लिए गुरुवार को अग्रसेन भवन, लोहामंडी में वैश्य समाज की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है।
भारतीय वैश्य महासभा के पदाधिकारियों ने बयान की कड़ी निंदा करते हुए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। विरोध करने वालों में रवि प्रकाश अग्रवाल, डॉ. अशोक कुमार अग्रवाल, दाउदगंज गुप्ता, कुलदीप गुप्ता, कपिल गुप्ता, रवि अग्रवाल, संजीव मोदी और मुकेश गुप्ता शामिल रहे। महासभा ने कहा कि यदि माफी नहीं मांगी गई तो मानहानि सहित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अग्रवंश सेवा समिति, आगरा के अध्यक्ष प्रमोद सिंघल और वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने भी बयान की निंदा की और जनप्रतिनिधियों के परिजनों से शब्दों की मर्यादा बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वैश्य समाज ने हमेशा राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई है।
अग्रवाल समाज खेरिया मोड़ के अध्यक्ष अखिलेश अग्रवाल ने पुष्टि की कि गुरुवार को दोपहर एक बजे अग्रसेन भवन, लोहामंडी में बैठक होगी, जिसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।
राष्ट्रीय अग्रसेना के अध्यक्ष मनीष अग्रसेना ने कहा कि संपूर्ण वैश्य व्यापारी समाज में रोष व्याप्त है और रामेश्वर चौधरी को बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।
विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने एक स्वर में कहा है कि इस तरह की अमर्यादित और गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। समाज के सम्मानित सदस्यों के विरुद्ध ऐसे बयान देने पर कड़ी आपत्ति जताई गई है।