लखनऊ, उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश पुलिस में कार्यरत उन हजारों पुलिसकर्मियों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर है, जिनके पति या पत्नी भी पुलिस विभाग में कार्यरत हैं। डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) प्रशांत कुमार ने एक ऐतिहासिक आदेश जारी करते हुए यह सुनिश्चित किया है कि पुलिस विभाग में कार्यरत पति-पत्नी को अनुकम्पा के आधार पर एक ही जिले में तैनाती दी जाएगी। इस आदेश के बाद, स्थापना विभाग ने तत्काल प्रभाव से तैनातियों का प्रावधान करना शुरू कर दिया है। इस नई व्यवस्था से पुलिसकर्मियों के परिवारों को एक साथ रहने का अवसर मिलेगा, जिससे उनके जीवन में स्थिरता और संतोष आएगा।
डीजीपी का संवेदनशीलता भरा फैसला
पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने इस मुद्दे की संवेदनशीलता को समझा है। अक्सर देखने में आता था कि पति और पत्नी दोनों के पुलिस विभाग में होने के कारण उन्हें अलग-अलग जिलों में तैनात कर दिया जाता था, जिससे उनके पारिवारिक जीवन में काफी परेशानियां आती थीं। बच्चों की परवरिश, बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल और सामान्य पारिवारिक जीवन का अभाव पुलिसकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य और कार्य प्रदर्शन पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता था।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने इस समस्या को गंभीरता से लिया और एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया, जिसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ऐसे मामलों में जहां पति और पत्नी दोनों पुलिस विभाग में सेवारत हैं, उन्हें यथासंभव एक ही जिले में तैनात किया जाए। यह आदेश विशेष रूप से अनुकम्पा के आधार पर की गई नियुक्तियों के लिए तत्काल प्रभावी होगा, लेकिन धीरे-धीरे अन्य मामलों में भी इसे लागू करने पर विचार किया जा रहा है।
स्थापना विभाग ने शुरू की कार्रवाई
डीजीपी के आदेश के तुरंत बाद, यूपी पुलिस के स्थापना विभाग ने इस नई व्यवस्था को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभिन्न जिलों में ऐसे पुलिसकर्मियों की सूची तैयार की जा रही है, जो इस श्रेणी में आते हैं। इसके बाद नियमानुसार उन्हें एक ही जिले में तैनात करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
हजारों पुलिसकर्मियों को मिलेगी राहत
माना जा रहा है कि इस आदेश से उत्तर प्रदेश पुलिस के हजारों पुलिसकर्मियों को बड़ी राहत मिलेगी। उन्हें अपने जीवनसाथी और परिवार के साथ एक ही स्थान पर रहने का मौका मिलेगा, जिससे उनके जीवन में संतुलन आएगा। यह कदम पुलिस फोर्स के मनोबल को बढ़ाने में भी सहायक होगा, क्योंकि परिवार के साथ रहने से पुलिसकर्मी बेहतर तरीके से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर पाएंगे।
यह फैसला योगी सरकार की पुलिस कल्याणकारी योजनाओं में एक महत्वपूर्ण कड़ी माना जा रहा है, जो पुलिसकर्मियों के व्यक्तिगत जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।