आगरा: वंचितसमाज इंसाफ पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व सांसद प्रत्याशी एडवोकेट नवाब गुल चमन शेरवानी ने एक विचारशील बयान में कहा कि यदि मुसलमान ईमानदारी से जकात अदा करें, तो अगले पांच वर्षों में देश से गरीबी समाप्त हो सकती है। उन्होंने बताया कि यदि जकात का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो इससे कॉलेजों, मेडिकल कॉलेजों, हॉस्पिटलों और होस्टलों जैसी सुविधाओं का निर्माण देश के हर जिले में किया जा सकता है, जिससे समाज में व्यापक बदलाव संभव होगा।
जकात का सही स्थान पर उपयोग
शेरवानी ने कहा कि जकात के पैसे यदि सही हाथों में जाएं और इसका सही तरीके से वितरण किया जाए तो इसका समाज पर गहरा सकारात्मक असर पड़ेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि जकात से सिर्फ सामाजिक असमानताएं कम नहीं होतीं, बल्कि इससे जानमाल का नुकसान भी टाला जा सकता है। मुसलमानों को ईमानदारी से जकात अदा करनी चाहिए, जिससे उनके बचे हुए पैसे सुरक्षित रहते हैं और कभी भी भ्रष्टाचार या बेईमानी का शिकार नहीं होते।
मुसलमानों की जकात और गरीबी
शेरवानी ने कहा कि भारत में लगभग 23 करोड़ मुसलमान हैं और इनमें से कम से कम एक करोड़ मुसलमान ऐसे हैं जो प्रत्येक वर्ष लाखों रुपये जकात के रूप में निकालते हैं। इसके बावजूद, आज भी बहुत से मुसलमानों को अपनी बेटी का निकाह करने के लिए दूसरों से मदद मांगनी पड़ती है। यह सवाल उठाता है कि आखिर क्यों जकात का सही वितरण नहीं हो रहा और क्यों अब भी समाज के बहुत से लोग गरीबी का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जकात पहले अपने परिवार, रिश्तेदारों और पड़ोसियों को दी जानी चाहिए, इसके बाद दूसरों को। अगर आप किसी दूर के व्यक्ति को जकात दे रहे हैं और आपका खुद का रिश्तेदार परेशान है, तो यह गलत है।
रोजा इफ्तार का आयोजन
यह बयान शेरवानी ने वंचितसमाज इंसाफ पार्टी के जिला अध्यक्ष शराफत अली के निवास पर आयोजित रोजा इफ्तार की दावत में दिया। इस मौके पर कई प्रमुख लोग उपस्थित थे, जिनमें सैयद रज्जब अली, शराफत अली, सलमान मलिक, सैयद शेर बहादुर शाह, गुल बहार, ठेकेदार जावेद अली, और कई अन्य शामिल थे। इफ्तार के बाद, मौलाना राजा रामपुरी ने नमाज अदा कराई। शराफत अली ने सभी उपस्थित लोगों का धन्यवाद भी किया।