चाकू की नोक पर दुष्कर्म: पुलिस ने नहीं सुनी तो अदालत ने दिए FIR के आदेश, फतेहपुर सीकरी पुलिस पर उठे सवाल
फतेहपुर सीकरी, आगरा: न्याय की गुहार लगाते एक और मामले में, फतेहपुर सीकरी पुलिस की लापरवाही उजागर हुई है। एक विवाहिता के साथ चाकू की नोक पर दुष्कर्म के एक गंभीर मामले में, पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया। इसके बाद, पीड़ित को मजबूरन अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा, जहाँ एसीजेएम 9 (अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) ने थाना फतेहपुर सीकरी को आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और तत्काल विवेचना शुरू करने का आदेश दिया है। इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की कार्यप्रणाली और महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पूरी घटना का विवरण
यह सनसनीखेज मामला 15 अगस्त, 2025 की रात का है। पीड़ित महिला ने अपने वरिष्ठ अधिवक्ताओं ओमवीर सिंह चाहर और एम.डी. खान के माध्यम से अदालत में एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। प्रार्थना पत्र के अनुसार, महिला अपने घर में सो रही थी, तभी देर रात करीब 12 बजे दिनेश चंद पुत्र मंगो (निवासी फतेहपुर सीकरी) उसके घर में घुस आया। आरोपी ने सो रही महिला को दबोच लिया और उसकी छाती पर चाकू रखकर जबरन उसके साथ दुष्कर्म किया।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि इस जघन्य अपराध को अंजाम देने के बाद, आरोपी दिनेश ने उसे धमकी दी कि अगर उसने इसकी शिकायत पुलिस से की, तो वह उसके बेटे की हत्या कर देगा।
पुलिस की उदासीनता और न्याय की तलाश
दुष्कर्म की इस वारदात के बाद, पीड़िता ने हिम्मत जुटाकर फतेहपुर सीकरी थाने में जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की। लेकिन, आरोप है कि पुलिस ने इस संगीन मामले को गंभीरता से नहीं लिया और एफआईआर दर्ज करने से साफ इनकार कर दिया। पुलिस के इस रवैये से हताश होकर, पीड़िता ने न्याय की आस में अपनी लड़ाई जारी रखने का फैसला किया और सीधे अदालत का रुख किया।
अदालत में, पीड़िता के अधिवक्ताओं ओमवीर सिंह चाहर और एम.डी. खान ने पूरे मामले की गंभीरता और पुलिस की निष्क्रियता को एसीजेएम 9 के समक्ष रखा। उन्होंने तर्क दिया कि यह न केवल एक गंभीर यौन अपराध है, बल्कि यह कानून और व्यवस्था के प्रति पुलिस की उदासीनता को भी दर्शाता है।
दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद, एसीजेएम 9 ने मामले की संवेदनशीलता को समझा और तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया। अदालत ने थाना फतेहपुर सीकरी के थानाध्यक्ष को निर्देश दिया कि वे आरोपी दिनेश चंद के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करें और मामले की गहन विवेचना करें।
