आगरा: आगरा के सिकंदरा क्षेत्र में एक ओर जहां मुख्यमंत्री अवैध निर्माण को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सिकंदरा स्मारक के 100 मीटर के दायरे में धड़ल्ले से अवैध निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। यह निर्माण कार्य बिना नक्शा पास कराए किया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) और आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के अधिकारी इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।
सिकंदरा स्मारक के पास स्थित सरोज एनक्लेव कॉलोनी में निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। यह क्षेत्र सिकंदरा स्मारक के 100 मीटर के दायरे में आता है, जहां पर निर्माण कार्य पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। इसके बावजूद इस क्षेत्र में अवैध निर्माण जोरों से चल रहा है, और एएसआई द्वारा पहले ही निर्माणकर्ताओं को नोटिस दिए जाने के बावजूद यह कार्य जारी है। इन नोटिसों की कॉपी सिकंदरा थाने और संबंधित उच्च अधिकारियों को भेजी गई थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
दूसरी ओर, आगरा विकास प्राधिकरण के क्षेत्रीय जूनियर इंजीनियर (जे.ई.) इस निर्माण पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जानकारी के अनुसार, क्षेत्रीय सुपरवाइजर किसी भी निर्माण कार्य की जानकारी उच्च अधिकारियों तक नहीं पहुंचाते, जिससे इन अवैध निर्माण कार्यों पर कोई रोक नहीं लग पा रही है। क्षेत्रीय सुपरवाइजर का यह काम है कि वह अवैध निर्माण के बारे में रिपोर्ट करें, लेकिन कई मामलों में अवैध निर्माण उनके खेल में ही सेट हो जाते हैं और उच्च अधिकारियों तक इसकी सूचना नहीं पहुंचती।
इस अवैध निर्माण पर एएसआई और विकास प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा कोई सख्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। जूनियर इंजीनियर के पास कई अन्य जिम्मेदारियां हैं, जिससे वह इस अवैध निर्माण पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। वहीं सुपरवाइजर, जो इन निर्माण कार्यों की जानकारी देते हैं, वह केवल अपनी जिम्मेदारी से बचते हुए मामले को रफा-दफा करने में सक्षम हो जाते हैं।
अब यह देखना होगा कि आने वाले समय में एएसआई और विकास प्राधिकरण के अधिकारी इस अवैध निर्माण पर क्या कार्रवाई करते हैं। फिलहाल, यह सवाल खड़ा हो गया है कि इन अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण सिकंदरा क्षेत्र में अवैध निर्माण को बढ़ावा मिल रहा है।