आगरा में सेटिंग के तहत रातों-रात अवैध निर्माण जारी, प्राधिकरण के अधिकारी सोए कुंभकरण की नींद

Dharmender Singh Malik
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आगरा में सेटिंग के तहत रातों-रात अवैध निर्माण जारी, प्राधिकरण के अधिकारी सोए कुंभकरण की नींद

आगरा, उत्तर प्रदेश। आगरा विकास प्राधिकरण (ADA) के अधिकारियों के ढीले रवैये और क्षेत्रीय जूनियर इंजीनियरों की लापरवाही के कारण शहर में अवैध निर्माण तेजी से बढ़ रहे हैं। प्राधिकरण की उपाध्यक्ष भले ही अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने की बात कर रही हों, लेकिन शहर में कई स्थानों पर बिना किसी रोक-टोक के निर्माण कार्य चल रहे हैं। इसमें जूनियर इंजीनियरों और क्षेत्रीय सुपरवाइजरों की मिलीभगत साफ दिखाई दे रही है, जो इन अवैध निर्माणों को अपना संरक्षण दे रहे हैं।

अवैध निर्माण का है बड़ा खेल

आगरा के वार्ड छत्ता कालिंदी विहार में होटल मिडनाइट के पास एक अवैध निर्माण बड़े पैमाने पर चल रहा है। यह निर्माण सड़क किनारे किया जा रहा है और इसके लिए किसी भी प्रकार का नक्शा पास नहीं कराया गया है। विशेष बात यह है कि यहां एक नहीं, बल्कि तीन मंजिला अवैध बिल्डिंग का निर्माण तेजी से हो रहा है। जब इस अवैध निर्माण के बारे में पता चला, तो विकास प्राधिकरण के सुपरवाइजर को सबसे पहले सूचना मिली। इस पर सुपरवाइजर ने तुरंत वहां जाकर निर्माण कार्य रोकने की कोशिश की, लेकिन निर्माणकर्ता ने सेटिंग के तहत काम जारी रखा।

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जूनियर इंजीनियरों का ढीला रवैया

आगरा विकास प्राधिकरण में तैनात जूनियर इंजीनियरों के बीच जगह-जगह स्थानांतरण होते रहते हैं, जिसके कारण कोई भी अधिकारी इन अवैध निर्माणों की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। जब इस अवैध निर्माण के बारे में पूछा गया, तो हर जूनियर इंजीनियर एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालने की कोशिश करते हैं। पहले इस निर्माण कार्य की जिम्मेदारी जूनियर इंजीनियर राज कपूर के पास थी, लेकिन किसी विवाद के कारण उन्हें यहां से हटा दिया गया। उसके बाद दूसरे जूनियर इंजीनियर ने चार्ज संभाला, लेकिन उन्होंने भी इस अवैध निर्माण के बारे में कोई कार्रवाई नहीं की। अब बताया जा रहा है कि तीसरे जूनियर इंजीनियर की तैनाती की गई है, लेकिन वह भी जांच की बात कर रहे हैं, लेकिन अवैध निर्माण तेजी से बढ़ रहा है।

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प्राधिकरण की उपाध्यक्ष की चुप्पी

विकास प्राधिकरण के अधिकारी और उपाध्यक्ष, जो अवैध निर्माणों पर सख्त कार्रवाई की बात करती हैं, शायद खुद ही इस बात से अनजान हैं कि उनकी जानकारी के बिना कई अवैध निर्माण बिना किसी रुकावट के बढ़ते जा रहे हैं। इससे स्पष्ट होता है कि या तो अधिकारी जानबूझकर आंखें मूंदे हुए हैं, या फिर उन्हें अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ गठजोड़ का लाभ मिल रहा है। अवैध निर्माण के मामले में अधिकारियों की लापरवाही ने प्राधिकरण की छवि को भी दांव पर लगा दिया है।

अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की उम्मीद

प्राधिकरण की उपाध्यक्ष भले ही रोजाना अभियान चलाने की बात करें, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति कुछ और ही है। अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्यवाही का दावा तो किया जा रहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि नोटिस जारी होने के बाद भी कई निर्माण रातों-रात पूरे हो जाते हैं। यह दर्शाता है कि अधिकारियों की अनदेखी और भ्रष्टाचार के कारण अवैध निर्माणों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।

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आने वाले समय में अगर यह स्थिति यूं ही जारी रही, तो यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या भविष्य में शहर में और अवैध निर्माणों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे या फिर यह खेल इसी तरह जारी रहेगा।

आगरा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों और जूनियर इंजीनियरों की लापरवाही और क्षेत्रीय सुपरवाइजर के संरक्षण में चल रहे अवैध निर्माणों पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। अगर समय रहते इन पर रोक नहीं लगी, तो शहर में अवैध निर्माणों का जाल फैलता जाएगा और नागरिकों की सुरक्षा पर भी सवाल उठने लगेंगे। प्राधिकरण की उपाध्यक्ष और अधिकारियों को अब अवैध निर्माणों पर सख्त कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

 

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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