स्वास्थ्य विभाग के बाबुओं की मिलीभगत से संचालित तो नही हो रहे अवैध अस्पताल, लैब व क्लीनिक?

Dharmender Singh Malik
5 Min Read

स्वास्थ्य विभाग की निरंतर कार्यवाही, उजागर हो रही धांधली।

एक ही डिग्री पर चल रहे लैब,दंत क्लीनिक व अस्पताल।

जगन प्रसाद

आगरा। आगरा में स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं में धांधली मरीजों के लिए जान लेवा साबित होती हुई नजर आ रही है। जब स्वास्थ्य विभाग गत वर्ष अनैतिक रूप से संचालित क्लीनिक, अस्पताल व क्लीनिक पर निरंतर कार्रवाई का ढिंढोरा पीटते हुए नजर आता है। लेकिन इन सबके बावजूद एक ही डिग्री पर क्लीनिक से लेकर दंत रोग ,किडनी की जांच व आंखों के विशेषज्ञ तक का उपचार करने हेतु रजिस्ट्रेशन एक ही डिग्री पर उपलब्ध है। डॉक्टर के बिना पैथोलॉजी लैब चला रही टेक्नीशियन और झोलाछाप प्लेटलेट्स काउंट से लेकर कैंसर की भ्रामक रिपोर्ट दे रहे हैं। इससे मरीजों की मर्ज का पता नहीं चल रहा है। मरीज को जरूरत ना होने पर भी प्लेटलेट चढ़ाई जा रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की टीम की छापामारी और पूछताछ में पता चला कि एक लैब खोलने में करीब तीन लाख का खर्च आता है जिसमें से करीब डेढ़ लाख रु डॉक्टर की डिग्री में चला जाता है। गोरखपुर, बुलंदशहर इटावा, सहित शहर के डॉक्टर भी अपनी डिग्री दे रहे हैं। लगभग ₹ तीन लाख में लैब शुरू किए जा रहे है। ऐसे 80 लैब चिन्हत किए गए है। इन्हे10 डॉक्टर संचालित कर रहे हैं।
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि 15 चिकित्सकों के नाम से प्रदेश भर में चल रहे 449 चिकित्सकीय संस्थानों की जांच में एक और खुलासा हुआ है। इनमें किसी एक रोग या अंग के इलाज में विशेषज्ञ चिकित्सक के नाम से डेंटल, किडनी, स्किन केयर, नेत्र रोग समेत अन्य चिकित्सकीय संस्थान पंजीकृत करा लिए गए हैं। सीएमओ डॉक्टर अरुण श्री वास्तव ने बताया किसी एक मर्ज में विशेषज्ञ दांत, आंख, त्वचा और किडनी के इलाज में विशेषज्ञ नहीं हो सकता है। वैसे भी एक चिकित्सक एक ही चिकित्सकीय संस्थान में पूर्णकालिक सेवाएं दे सकता है। जांच में पाया गया है कि तीन-चार मामलों में डिग्री केवल पैथोलॉजिस्ट की होने पर भी डेंटल क्लीनिक और किडनी अस्पताल तक का पंजीकरण कराया हुआ है। एक चिकित्सक की डिग्री पर विभिन्न चिकित्सकीय संस्थान पंजीकृत करा संचालित किए जा रहे हैं। संदिग्ध चिकित्सकीय संस्थानों पर टीम छापा मार रही है। ऐसे सभी संस्थानों के लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे

See also  जैथरा के कूल्हापुर बुजुर्ग में खूनी संघर्ष, दो लोग गंभीर घायल -

 

डॉक्टर के बिना संचालित लैब में ये होता है अंतर

आगरा में कई ऐसी लैब हैं जो बिना डॉक्टर के चल रही हैं। इन लैब में मशीन से जांच कर मलेरिया और टाइफाइड की निगेटिव रिपोर्ट दे दी जाती है। जबकि डॉक्टर मरीज के खून की स्लाइड को माइक्रोस्कोप में देखते हैं। इसमें अचानक से खून की कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि दिखाई देने पर डॉक्टर कैंसर की जांच कराते हैं। इस तरह के मामलों में ब्लड कैंसर का प्रारंभिक अवस्था में पता चल जाता है और मरीज को समय से इलाज मिल सकता है। मगर, टेक्नीशियन और झोलाछाप द्वारा जांच में यह पता नहीं चलता है।

See also  एक लाख का इनामी मनोज भाटी एनकाउंटर में ढेर

विभन्न विशेषज्ञता वाले चिकित्सकीय संस्थान

डॉ. अमित कुमार : प्रकृति डे केयर ई सेंटर, श्री रामरतन हॉस्पिटल, कृष्णा पैथोलॉजी लैब, वेदास डेंटल क्लीनिक।
डॉ. राजेश कुमार : केजे हॉस्पिटल, प्राइम डेंटल क्लीनिक, संध्या पैथोलॉजी लैब, देवरिया स्किन केयर क्लीनिक।
डॉ. अनिल कुमार : एक्यूरेट पैथोलॉजी लैब, सिटी एक्सरे एंड पैथोलॉजी, डॉ. अनिल कुमार क्लीनिक।
डॉ. अरुण कुमार : डॉ. अरुण कुमार अल्ट्रासाउंड क्लीनिक, डोकॉप डी लैब।
डॉ. अरविंद कुमार : एसए पैथोलॉजी, आगरा अल्ट्रासाउंड सेंटर, पूनम हॉस्पिटल, कुमार पॉलीक्लीनिक
डॉ. अशोक कुमार गुप्ता : ग्याप्रसाद हॉस्पिटल, पूजा पैथोलॉजी लैब, सांई प्रकाश अल्ट्रासाउंड सेंटर।
डॉ. अशोक कुमार : निधि आई एंड मल्टीस्पेशियलिटी सेंटर, जीआर पैथोलॉजी लैब, न्यूआरपी डायग्नोस्टिक सेंटर
डॉ. बालेंद्र सिंह सोढ़ी : श्री पैथोलॉजी लैब, आरएस डायग्नोस्टिक सेंटर, डिवाइन ग्रेस हॉस्पिटल।
डॉ. मनीष कुमार वार्ष्णेय : आगरा हेल्थकेयर पैथोलॉजी लैब, ग्लोबल हॉस्पिटल, आकाश डायग्नोस्टिक सेंटर, आस्था हॉस्पिटल।
डॉ. रविंद्र सिंह : नाइस पैथोलॉजी लैब, आधुनिक डायग्नोस्टिक सेंटर, अग्रवाल हॉस्पिटल।
डॉ. सुनील कुमार : जीएम हॉस्पिटल, दिव्या डाग्नोस्टिक सेंटर, प्रिया पॉलीक्लीनिक।
डॉ. अनुराग सिंह : प्रज्ञा हॉस्पिटल, स्किन प्लस क्लीनिक, किडनी केयर सेंटर

See also  आगरा में 148 साल पुरानी रामलीला का नया अध्याय: कमला नगर में सजेगी जनकपुरी, मुरारी प्रसाद अग्रवाल बने अध्यक्ष
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement