आगरा : ताजनगरी आगरा में लोगों के मनोरंजन के लिए कई वाटर पार्क और स्विमिंग पूल खुल रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या संबंधित विभागों को इस बात की जानकारी है कि ये संस्थान पूरे मानकों को पूरा करते हैं या नहीं? अगर बात करें तो शहर के कई वाटर पार्क और स्विमिंग पूल पूरी तरह से अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं, जो सरकार के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं. ये संचालक बच्चों और बड़ों, दोनों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.
बिचपुरी का ‘शांति वाटर पार्क’ बना नियमों की अनदेखी का जीता-जागता उदाहरण
शहर में ऐसे कई मामले हैं जहां भूजल निकासी पर पूर्ण प्रतिबंध है, संचालन के लिए NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) नहीं दी जाती, और ये रिहायशी क्षेत्र में स्थित हैं, फिर भी बिना किसी डर के इनका संचालन किया जा रहा है. ऐसा ही एक गंभीर मामला आगरा के बिचपुरी के गांव मंगटई का है, जहां ‘शांति वाटर पार्क’ नाम से एक स्विमिंग पूल संचालित है.
शिकायतकर्ता दीपक कुमार ने बताया कि ग्राम मंगटई में जयसिंह पुत्र श्री घनश्याम द्वारा संचालित यह शांति वाटर पार्क पूर्णतः अवैध है. वाटर पार्क संचालक हाई पावर के समरसेबल पंपों से भूमि से भूजल की निकासी करता है, जो गांव के लोगों के पीने के पानी का मुख्य साधन है. इतना ही नहीं, उस पानी में केमिकल मिलाकर खेतों में फैला दिया जाता है, जिससे उपजाऊ जमीन बंजर होती जा रही है.
दीपक कुमार ने जानकारी दी कि वाटर पार्क के पास भूगर्भ जल विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं है, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का प्रमाण पत्र भी उपलब्ध नहीं है, और न ही उनके पास वाटर क्वालिटी रिपोर्ट है. इस गंभीर मामले को लेकर दीपक कुमार ने जिलाधिकारी कार्यालय का रुख किया है और प्रतिबंधित क्षेत्र में चल रहे इस वाटर पार्क व स्विमिंग पूल को तत्काल प्रभाव से बंद कराने की मांग की है.
आदेशों की अवहेलना और अधिकारियों की ‘कुंभकर्णी नींद’
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि मुख्य विकास अधिकारी द्वारा 24 अप्रैल 2025 को जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद, जनपद आगरा को इस वाटर पार्क को बंद करने के आदेश दिए गए थे. आदेश में स्पष्ट कहा गया था कि आदेश का पालन न करने पर कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी. इसके बावजूद, वाटर पार्क संचालक को किसी आदेश का डर नहीं है और आज भी यह वाटर पार्क बिना मानक के संचालित किया जा रहा है.
यह एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि जब 24.4.2025 को मुख्य विकास अधिकारी द्वारा बंद करने के आदेश दिए गए थे, तो उसके बावजूद ‘सिक्कों की खनक’ पर बिना किसी डर और खौफ के वाटर पार्क का संचालन कैसे हो रहा है? मनोरंजन विभाग और आवास विकास प्राधिकरण द्वारा भी कोई NOC नहीं दी गई है, फिर भी शांति वाटर पार्क अवैध रूप से कैसे संचालित हो रहा है?
स्पष्ट है कि संबंधित विभाग के अधिकारी कुंभकरण की नींद सोए हुए हैं. ‘सिक्कों की खनक’ और ऊंचे रसूख के चलते आगरा में कई वाटर पार्क और स्विमिंग पूल अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं. उच्च अधिकारियों द्वारा संबंधित विभागों को दिए गए आदेशों को भी ये अधिकारी हवा में उड़ाते नजर आ रहे हैं.
क्या प्रशासन इन अवैध संचालकों पर लगाम लगाने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा?