मनीष अग्रवाल
आगरा। युवा सामाजिक कार्यकर्ता थान सिंह सोलंकी के अनुसार जल का संरक्षण बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यह पर्यावरण की रक्षा करता है। पानी को शुद्ध एवं स्वच्छ रखता है, जल संरक्षण का अर्थ है कि हमारे पानी की जलापूर्ति का बुद्धिमानी से उपयोग करना और ज़िम्मेदार होना, हमारी जलापूर्ति को सुरक्षित और शुद्ध रखने से हमारी आने वाली पीढ़ीयों के लिए पानी की रक्षा होगी।
पानी की कमी दुनिया भर के देशों के लिए गंभीर चिंताओं में से एक है। 2019 में, चेन्नई ने अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं, जब नगर निकायों ने ‘डे ज़ीरो’ घोषित किया, क्योंकि शहर में पानी खत्म हो गया और सभी जलाशय सूख गए। एक सरकारी थिंक-टैंक, NITI Aayog की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत में जल संरक्षण के तरीकों को नहीं अपनाया गया, तो बेंगलुरु, दिल्ली और हैदराबाद सहित अन्य 20 शहर अगले कुछ वर्षों में भूजल से बाहर हो जाएंगे। इस विकट स्थिति से बचने का एकमात्र उपाय पानी बचाने के सार्वभौमिक तरीकों को अपनाना है, जिसे घरों में दोहराया जा सकता है। स्थानीय स्तर पर ग्राम प्रधान, ज़िला पंचायत सदस्य, पार्षद, सभासद आदि जनप्रतिनिधियों को अपने अपने कार्यक्षेत्रों में जल संरक्षण हेतु जन जागरण कर मुहिम चलानी चाहिए जिससे कि आम जनता की शैली पर प्रभाव पड़े।