आगरा: थाना जगदीशपुरा सोमवार को एक अप्रत्याशित घटना का गवाह बना, जब एक वकील को पुलिस के रवैये से आजिज आकर थाने के अंदर ही धरना देना पड़ा। यह मामला सिर्फ एक एफआईआर दर्ज न करने से कहीं बढ़कर था; इसमें न्यायिक आदेश की खुलेआम अवहेलना और एक पुलिसकर्मी द्वारा की गई अभद्रता शामिल थी, जिसने कानून के शासन पर ही सवाल खड़े कर दिए।
जी विक्टोरिया इंटर कॉलेज की प्रबंध समिति के सचिव अधिवक्ता वी. विवेक कुमार ने कॉलेज में फर्जी प्रबंध समिति के गठन के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से धारा 156(3) के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। हालांकि, थाना जगदीशपुरा पुलिस ने इस न्यायिक आदेश को अनसुना कर दिया।
सोमवार को जब अधिवक्ता विवेक कुमार एफआईआर की प्रगति जानने के लिए थाने पहुंचे, तो थाना प्रभारी मौजूद नहीं थे। वहां मौजूद मुंशी मनोज कुमार ने न केवल अधिवक्ता से बात करने से इनकार कर दिया, बल्कि उनके साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल भी किया। इस अपमानजनक व्यवहार से क्षुब्ध होकर अधिवक्ता विवेक कुमार तत्काल थाने के भीतर ही धरने पर बैठ गए और कानून का पाठ पढ़ाने पर मजबूर हो गए।
हालात तब बदले जब प्रभारी निरीक्षक थाने पर पहुंचे। उन्होंने अधिवक्ता से पूरी घटना की जानकारी ली और मुंशी के दुर्व्यवहार पर तत्काल माफी मांगी। इसके बाद, उन्होंने तुरंत कोर्ट के आदेशानुसार एफआईआर दर्ज की। एफआईआर दर्ज होने के बाद ही अधिवक्ता ने अपना धरना समाप्त किया और थाने से रवाना हुए। इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की कार्यशैली और न्यायिक आदेशों के प्रति उनके सम्मान पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।