आगरा: एक लापरवाही जनित दुर्घटना के मामले में आरोपी कार स्वामी विपुल (निवासी हरीपर्वत, जिला आगरा) को एसीजेएम-1 की अदालत ने बरी करने का आदेश दिया है। अदालत ने यह फैसला इसलिए सुनाया क्योंकि मामले का वादी मुकदमा (शिकायतकर्ता) अपनी पूर्व गवाही से मुकर गया और आरोपी के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं बचा।
क्या था दुर्घटना का मामला?
यह मामला थाना हरीपर्वत में दर्ज किया गया था। वादी मुकदमा वरुण राठौर ने थाने में तहरीर दी थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि:
30 जनवरी 2017 को वह अपनी माँ के साथ स्कूटी से अपने मौसेरे भाई राजकुमार राठौर के समारोह में शामिल होने जा रहे थे।
तभी आरोपी विपुल ने अपनी कार को तेजी और लापरवाही से चलाते हुए उनकी स्कूटी में टक्कर मार दी।
इस दुर्घटना में वादी वरुण राठौर और उनकी माँ घायल हो गए, साथ ही उनकी स्कूटी भी क्षतिग्रस्त हो गई।
अदालत में वादी मुकरा
मुकदमे के विचारण (ट्रायल) के दौरान, केवल एकमात्र गवाह, यानी वादी मुकदमा वरुण राठौर की ही गवाही हुई। हैरानी की बात यह रही कि वादी अदालत में अपने द्वारा लगाए गए पूर्व आरोपों से मुकर गया।
वादी के पलटने और साक्ष्य के अभाव के कारण, आरोपी की तरफ से अधिवक्ता मुकेश शर्मा ने तर्क प्रस्तुत किया। एसीजेएम-1 की अदालत ने अधिवक्ता मुकेश शर्मा के तर्कों और मामले में ठोस सबूतों की कमी को देखते हुए, आरोपी कार स्वामी विपुल को सभी आरोपों से बरी करने का आदेश दिया।