Agra News, आगरा: जनपद के थाना अछनेरा क्षेत्र के मुबारिजपुर गांव में दबंगई और पुलिस की कथित मिलीभगत का एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसे जानकर कोई भी हैरान रह जाए। गांव की एक महिला और उसकी बेटी को बेरहमी से पीटा गया, कान की बाली तक नोच ली गई, लेकिन स्थानीय पुलिस ने मानो कानों में रुई डाल रखी थी—न मुकदमा दर्ज किया गया, न ही कोई सुनवाई हुई। अंततः कोर्ट को दखल देना पड़ा और न्यायालय के आदेश पर पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
क्या है पूरा मामला?
पीड़िता सुनीता पत्नी मेंबर सिंह ने न्यायालय में बताया कि 8 मार्च 2025 को उसकी बेटी लक्ष्मी खेत पर घास लेने गई थी, तभी गांव का दबंग दशरथ पुत्र खेम सिंह उसे पकड़कर जमीन पर पटक दिया और जान से मारने की कोशिश की। किसी तरह जान बचाकर घर लौटी लक्ष्मी ने पूरी बात अपनी मां को बताई।
जब सुनीता अपनी बेटी के साथ आरोपी दशरथ के घर शिकायत करने पहुंची, तो दशरथ के साथ गीता, ममता, कमलेश और अजीत ने लाठियों से दोनों पर हमला कर दिया। इसी दौरान लक्ष्मी के कान की बाली भी नोच ली गई। शोर सुनकर बीच-बचाव को पहुंचीं बबीता और शशिमाला को भी आरोपियों ने नहीं बख्शा।
पुलिस की अनदेखी और कोर्ट का हस्तक्षेप
घटना की सूचना अछनेरा थाने को दी गई, लेकिन पुलिस ने सिर्फ मेडिकल कराया और मुकदमा दर्ज करने से साफ इनकार कर दिया। पीड़िता ने पुलिस आयुक्त, डीजीपी और मुख्यमंत्री तक को पत्र भेजा, मगर न्याय कहीं नहीं मिला।
थक-हारकर सुनीता ने कोर्ट की शरण ली। एसीजेएम-10 कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दशरथ, गीता, ममता, कमलेश और अजीत के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 74, 117(2), 191(2), 304(2), 351(2), 352 के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।
पीड़िता का यह भी आरोप है कि पुलिस ने उसे मजरूबी चिट्ठी और मेडिकल रिपोर्ट तक नहीं दी, जिसे उसने बाद में आरटीआई लगाकर हासिल किया। गांववालों का कहना है कि कुछ लोगों का इतना रसूख है कि पुलिस भी उनके खिलाफ कार्रवाई करने से डरती है।
अब सवाल यह है कि जब पीड़िता की हर कोशिश अनसुनी कर दी गई, तो क्या यह पुलिस की लापरवाही है या दबंगों के दबाव में की गई मिलीभगत? कोर्ट की सख्ती के बाद अब देखना होगा कि पुलिस इस बार कितनी ईमानदारी से जांच करती है और न्याय दिला पाती है।