सैकड़ों कट्टों की बरामदगी के साथ राशन माफिया गिरफ्तार
किरावली। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा गरीबों को मिलने वाली मुफ्त खाद्यान्न योजना लगातार कालाबाजारी की भेंट चढ़ रही है। खाद्यान्न में मिलने वाला चावल राशन माफियाओं के लिए सोना साबित हो रहा है। इस कालाबाजारी से राशन माफिया मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।सूत्रों के अनुसार, थाना अछनेरा के गांव रायभा में नगला पूर्णा मार्ग पर आपूर्ति विभाग और थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में सरकारी राशन के चावल के अवैध गोदाम पर छापेमारी की गई। इस दौरान सैकड़ों कट्टों में चावल का जखीरा बरामद हुआ। गोदाम संचालक मनीष अग्रवाल को गिरफ्तार कर माल जब्त किया गया। मौके से मनीष अग्रवाल की कार भी जब्त की गई और क्रेन की सहायता से थाने लाया गया। बताया गया है कि मनीष अग्रवाल के इस गोदाम पर यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। लगभग छह महीने पहले भी इसी गोदाम पर छापेमारी हुई थी, जिसके बाद एक प्रशासनिक अधिकारी पर कार्रवाई की गई थी।
अपने मजबूत नेटवर्क और प्रशासनिक अधिकारियों से संबंधों के दम पर मनीष अग्रवाल ने अपने साले खेरागढ़ निवासी सुमित अग्रवाल के साथ इस गोरखधंधे को जारी रखा। लेकिन, जब इन दोनों राशन माफियाओं की प्रशासनिक अधिकारियों से संलिप्तता उजागर हुई, तो कार्रवाई तेज हो गई। सुमित अग्रवाल को रूपवास, राजस्थान में उसके ठिकानों पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया और तब से वह जेल में है। अब मनीष अग्रवाल पर भी कार्रवाई के बाद जेल जाने की तैयारी हो गई है।
बरामद कट्टों की संख्या पर विवाद
शुक्रवार को रायभा में छापेमारी के दौरान बरामद कट्टों की संख्या कम होने की अफवाह ने जोर पकड़ लिया। बताया गया कि जब कट्टों को धर्मकांटा ले जाया जा रहा था, तो रास्ते में कट्टों की संख्या में कमी की चर्चा सोशल मीडिया पर होने लगी।
मथुरा क्षेत्र के राशन माफिया की भूमिका
सूत्रों का कहना है कि पहले सुमित और मनीष अग्रवाल का चावल की कालाबाजारी में एकाधिकार था। लेकिन मथुरा के फरह थाना क्षेत्र के एक गांव के कुख्यात राशन माफिया ने अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी। इसके बाद सुमित और मनीष अग्रवाल पर लगातार कार्रवाई होने लगी।
आपूर्ति विभाग के अधिकारियों पर आरोप
आपूर्ति विभाग के जिला मुख्यालय पर तैनात एक अधिकारी पर इस गोरखधंधे को संरक्षण देने के आरोप लग रहे हैं। कहा जा रहा है कि जिले में राशन के चावल की कालाबाजारी को वह अपने निजी फायदे के लिए बढ़ावा दे रहे हैं। इस मामले में डीएसओ आगरा से दूरभाष के माध्यम से संपर्क किया गया, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।
इनका कहना है।
आपूर्ति विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
– विनोद मिश्रा, थाना प्रभारी, अछनेरा