बुंदेलखंड के हित में सांसद अनुराग शर्मा की दोहरी पहल: झांसी में कैंसर इंस्टीट्यूट और बुंदेली भाषा को संवैधानिक मान्यता की मांग

Rajesh kumar
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बुंदेलखंड के हित में सांसद अनुराग शर्मा की दोहरी पहल: झांसी में कैंसर इंस्टीट्यूट और बुंदेली भाषा को संवैधानिक मान्यता की मांग

झांसी, उत्तर प्रदेश, सुल्तान आब्दी: बुंदेलखंड की सांस्कृतिक विरासत और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर झाँसी-ललितपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अनुराग शर्मा ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में उन्होंने दिल्ली में देश के शीर्ष नेतृत्व, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा, से मुलाकात की। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य बुंदेलखंड की दो प्रमुख मांगों पर ध्यान आकर्षित करना था – झाँसी में टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट की स्थापना और बुंदेली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करना।

स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार: झाँसी में कैंसर इंस्टीट्यूट की मांग

सांसद अनुराग शर्मा ने सबसे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से भेंट की। उन्होंने बुंदेलखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर आधारित एक पुस्तक भेंट कर क्षेत्र की जरूरतों को उजागर किया। इस दौरान उन्होंने झाँसी में एक अत्याधुनिक टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट स्थापित करने का आग्रह किया।

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सांसद शर्मा ने बताया कि बुंदेलखंड जैसा पिछड़ा और सीमित संसाधनों वाला क्षेत्र होने के कारण कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का इलाज बहुत कठिन और महंगा है। यहाँ के मरीजों को इलाज के लिए बड़े शहरों की ओर पलायन करना पड़ता है, जिससे उन्हें आर्थिक और मानसिक दोनों तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने जोर दिया कि यदि झाँसी में एक अत्याधुनिक कैंसर उपचार केंद्र बन जाता है, तो न केवल झाँसी-ललितपुर बल्कि पूरे बुंदेलखंड के लोगों को सस्ती और सुलभ चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी। इससे क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं में एक क्रांतिकारी सुधार आएगा।

सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा: बुंदेली भाषा को संवैधानिक दर्जा

इसके बाद, सांसद शर्मा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने गृह मंत्री को भी बुंदेलखंड की लोक कला ‘चितेरी’ पर आधारित अंग वस्त्र और सांस्कृतिक विरासत पर केंद्रित पुस्तक भेंट की। इस मुलाकात में उन्होंने बुंदेलखंड के सामाजिक और भाषाई स्वरूप की विस्तृत जानकारी दी।

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उन्होंने गृह मंत्री को बताया कि बुंदेलखंड में लगभग ढाई करोड़ लोग बुंदेली भाषा का उपयोग करते हैं। यह भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि इस क्षेत्र की लोक संस्कृति, परंपराओं, और वीर रस की गाथाओं की वाहक है। बावजूद इसके, बुंदेली भाषा को अभी तक संविधान की आठवीं अनुसूची में जगह नहीं मिल पाई है। सांसद ने अमित शाह से आग्रह किया कि इस समृद्ध भाषा को संवैधानिक मान्यता देने के लिए सकारात्मक पहल की जाए, जिससे इसके संरक्षण और प्रसार को बल मिल सके।

सांसद अनुराग शर्मा ने अमित शाह को देश के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले केंद्रीय गृह मंत्री बनने पर भी बधाई दी और उनके समर्पण और विनम्रता की प्रशंसा की।

बुंदेलखंड के विकास के लिए निर्णायक कदम

सांसद अनुराग शर्मा ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इन दोनों शीर्ष नेताओं का मार्गदर्शन बुंदेलखंड के विकास और इसकी भाषाई-सांस्कृतिक पहचान को आगे बढ़ाने में निर्णायक साबित होगा। जे.पी. नड्डा और अमित शाह के साथ हुई ये मुलाकातें बुंदेलखंड के लोगों के लिए नई उम्मीदें लेकर आई हैं, जो बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं और अपनी समृद्ध भाषा को संवैधानिक दर्जा मिलने की राह देख रहे हैं।

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यह दोहरी पहल, एक ओर स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में है, तो दूसरी ओर सांस्कृतिक और भाषाई अधिकारों को मजबूत करने की दिशा में। इससे यह स्पष्ट है कि सांसद शर्मा बुंदेलखंड के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।

 

 

 

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