प्रयागराज। माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीनों आरोपी पुलिस कस्टडी रिमांड पर हैं। इस दौरान एसआईटी, एसटीएफ लगातार उनसे पूछताछ कर रही है। जांच में जुड़े अधिकारी तीनों से अलग-अलग पूछताछ करने के अलावा एक साथ बैठाकर भी अपने सवालों का जवाब तलाश रहे हैं। लेकिन तीनों बार-बार बयान बदल रहे हैं और पुलिस को गोल-गोल घुमा रहे हैं। चर्चा है कि शूटरों ने कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं। हत्याकांड में जिन असलहों का उपयोग किया गया था, वह दिल्ली के कुख्यात जितेंद्र गोगी गैंग से शूटरों को मिले थे। लेकिन एसआईटी को उनके बयानों पर अभी भरोसा नहीं हो रहा है। सूत्र बताते हैं कि सच उगलवाने के लिए तीनों शूटरों का नारको या फिर लाई डिटेक्टर टेस्ट भी कराया जा सकता है। लेकिन इसके लिए अदालत का रुख करना होगा।
सूत्रों के मुताबिक हमीरपुर के शूटर सनी सिंह से पूछताछ में यह खुलासा किया है कि वह उसे असलहे दिल्ली के कुख्यात जितेन्द्र गोगी गैंग से मिले थे। सनी के इस खुलासे में कितना सच है, यह विस्तृत पूछताछ के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। सूत्रों ने बताया कि कस्टडी रिमांड के दौरान शूटर सनी सिंह ने जानकारी दी है कि दो साल पहले वह दिल्ली गया था। दिल्ली में उसकी मुलाकात गोगी गैंग के एक गुर्गे से हुई थी। उसने ही सरगना जितेंद्र गोगी से मिलवाया था। इसके बाद जितेंद्र के कहने पर सनी ने छोटे-मोटे काम भी किए थे। इसके बाद ही सनी का जितेंद्र गैंग के बाकी सदस्यों से उसका संपर्क हुआ। सनी इसके बाद दिल्ली आता-जाता रहा।
सूत्रों का कहना है कि उसने गोगी गैंग के सदस्यों के कहने पर आपराधिक वारदातों को अंजाम भी दिया। हर वारदात को अंजाम देने के बाद वह लौट आता था। यही वजह रही कि उसका नाम सामने नहीं आया। यह बात भी सामने आई है कि एक काम के सिलसिले में ही गोगी गैंग ने उसे जिगाना और गिरसान पिस्टलें दी थीं। हालांकि इसी दौरान सरगना गोगी मारा गया। इसके बाद सनी ने पिस्टलें वापस ही नहीं कीं। कस्टडी रिमांड के दूसरे दिन एसआईटी सदस्यों ने तीनों शूटरों से तीन घंटे तक पूछताछ की थी। सीन रिक्रिएशन की कार्रवाई के चलते उनसे दोपहर में पूछताछ नहीं हो सकी। हालांकि रात में नौ से 12 बजे तक उनसे सवालों के जवाब तलाशे गए। हत्या की वजह को लेकर शूटरों ने अभी भी अपना मुंह नहीं खोला है। शूटरों का यही कहना है कि उन्हें बड़ा डॉन बनना था।