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यूपी में खतरे के पुल! 82 असुरक्षित पुलों पर जारी परिचालन, कोर्ट में सरकार ने बताया आगे का प्लान

Dharmender Singh Malik
2 Min Read

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में यातायात के लिए इस्तेमाल हो रहे 82 पुल असुरक्षित पाए गए हैं, लेकिन इन पर अभी भी परिचालन जारी है। यह चौंकाने वाली जानकारी राज्य सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान स्वीकार की है। हालांकि, सरकार ने न्यायालय को आश्वासन दिया है कि इन सभी असुरक्षित पुलों के स्थान पर जल्द से जल्द वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।

न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव (प्रथम) की खंडपीठ ने ज्ञानेन्द्र नाथ पांडेय व एक अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को इस मामले में विस्तृत शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने सरकार से असुरक्षित पाए गए सभी 82 पुलों की स्पष्ट लोकेशन और उनकी उम्र भी बताने को कहा है। इसके साथ ही, कोर्ट ने इन पुलों की स्ट्रक्चरल स्टडी करने वाली विशेषज्ञों की टीम का पूरा ब्यौरा भी तलब किया है।

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याचिकाकर्ता ने प्रदेश भर के सभी पुलों की स्ट्रक्चरल स्टडी कराने और कमजोर हो चुके पुलों के संबंध में उचित आदेश पारित करने की प्रार्थना की थी। विशेष रूप से, 50 साल या उससे अधिक पुराने पुलों की प्राथमिकता के आधार पर स्टडी कराने की मांग की गई थी। पूर्व के आदेश के अनुपालन में राज्य सरकार के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि प्रदेश में अब तक कुल 2800 पुलों का निर्माण हो चुका है, जिनमें से स्ट्रक्चरल स्टडी में 82 पुल असुरक्षित पाए गए हैं।

न्यायालय ने इस मामले में कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही आवश्यक कदम उठाए हैं। खंडपीठ ने याचिका को दो सप्ताह बाद फिर से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है और स्ट्रक्चरल स्टडी करने वाली विशेषज्ञों की टीम का विस्तृत विवरण भी मांगा है। इस मामले में अब अगली सुनवाई पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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